मूलांक - मूलांक का अर्थ है आपके जन्म की तारीख। यानि यदि आपका जन्म 2 मार्च को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा। यदि 24 को हुआ है तो 2+4= 6, मूलांक संख्या 9 तक होते है।
1 मूलांक वालों का स्वामी सूर्य है वहीं वर्ष का अंक 8 स्वामी शनि है। इनकी आपस में शत्रुता है। यह वर्ष आपके लिए सावधानीपूर्वक चलने का रहेगा। आपके कार्य अधिक परिश्रम करने पर होंगे।
मूलांक 2 का स्वामी चन्द्र, वर्ष का स्वामी शनि और इन दोनों में सम स्थिति रहती है। ये न मित्र हैं न ही शत्रु। यह वर्ष आपके लिए मिला-जुला रहेगा। आपके महत्वपूर्ण कार्य बनेंगे।
मूलांक 3 का स्वामी गुरु है व वर्षांक 8 इसका स्वामी शनि है। गुरु-शनि में समता है। यह वर्ष आपके लिए मिला-जुला ही कहा जा सकता है। इस वर्ष आपको परिश्रम का फल जल्दी मिलेगा।
मूलांक 4 का स्वामी राहु है, वहीं वर्ष का मूलांक 8 स्वामी शनि है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। आप अपने कार्य में गुप्त तरीके से सफलता पाने में सफल होंगे। कोई कार्य करने से पहले जगजाहिर न करें, नहीं तो सफलता नहीं मिलेगी.
मूलांक 5 का स्वामी बुध है, वहीं वर्ष का मुलांक 8 स्वामी शनि है। शनि, बुध के साथ मित्रता होने से आपको यह वर्ष सुखद रहकर अधिक सफलताभरा रहेगा। मानसिक प्रसन्नता के साथ काफी सफलता प्राप्र्त होगी, रोजगार मे भी काफी तरक्की होगी।
मूलांक 6 का स्वामी शुक्र व वर्ष के मूलांक का 8 स्वामी शनि है। शुक्र-शनि में मित्रता होने से इस वर्ष अनुकूल स्थिति बनेगी। पारिवारिक प्रसन्नता के साथ सुखद वातावरण रहेगा। नवीन कार्य योजनाओं में निवेश/लाभ होगा।
मूलांक 7 का स्वामी केतु है व वर्ष के मूलांक 8 स्वामी शनि है। केतु जिस ग्रह के साथ रहता है, उस जैसा ही प्रभाव देता है। केतु वर्तमान में कुंभ पर है फिर 10 सितंबर 2017 से मकर में रहेगा। कुंभ-मकर राशि के स्वामी शनि हैं। समय का सदुपयोग जितना करोगे, उतना अधिक लाभ रहेगा।
मूलांक 8 का स्वामी शनि है व वर्ष के मूलांक का स्वामी भी शनि ही है। यह साल जनवरी बाद अत्यंत लाभकारी होगा। पिछले समय से चली आ रही परेशानियां दूर होंगी। पारिवारिक तरक्की होगी।
मूलांक 9 का स्वामी मंगल है व वर्ष के मूलांक का स्वामी शनि है। इनकी आपस में शत्रुता है। 26 जनवरी तक मंगल की राशि वृश्चिक में रहने से काफी समय से चली आ रही बाधा धनु राशि पर जाने से दूर होगी। मन प्रसन्न रहेगा।
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