जयपुर। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय वैशाली नगर की ओर से शनिवार को आत्म उन्निति ही खुशी की खुराक का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रमुख क्षेत्रिय संचालिका बी के सुषमा बहन ,बी के चन्द्रकला बहन, कार्यकर्ता, जयपुर जिला के ब्रह्मा कुमार, ब्रह्मकुमारी व वरिष्ठग व्यक्ति भी उपस्थित थें।
वक्ता बी के सुषमा बहन ने कहा कि आध्यात्मिक विज्ञान में विश्वास करना होगा।
सभी को यह जानना व मानना मालुम होंगा कि सर्वशक्तिवान परमपिता परमात्मा वह कल्याणकारी व जीवन मुक्तिदाता , भाग्यविदाता ,सुख ,शान्ति ,शक्ति , पवित्रा, ज्ञान ,आनन्द, प्रेम इतियादि का सागर है। वह परमात्मा सभी मनुष्य आत्माओं परम पवित्र पिता दुखहर्ता -सुखसकर्ता, मुक्ति -जीवनमुक्ति दाता है। हम सब बच्चों का कल्याणकारी है। परन्तु जब मनुष्य आत्मा गर्भ ग्लोब में नवजात शरीर में जीव रुपी शक्ति(आत्मा) प्रवेश करती है। तब तो परमात्मा याद रहेता है। फिर आत्मरुपी शरीर बाहार मायावी दुनिया (ग्लोब ) में आती है। तो आत्मिक पिता परमपिता परमात्मा का असली रुप व स्वयं का स्वरुप को भी भुल गई । ओर अनेक प्रकार के आकर्षित विकारों के जाल में फंसने से उस परमसता परमात्मा के असली रुप व कर्तव्य तथा पवित्र सिद्धान्तों को भूल गई हैं, इसीलिए मनुष्य हर प्रकार से दुखी हो रहें है। वास्तविक जीवन का आनन्द लेना हो तो परमात्मा के पवित्र सिद्धान्तों पर व परमात्मा के वास्तविक स्वरुप को मेडिटेशन द्वारा जानकर उसको अपने जीवन मे धारण करने पर ही है वास्तविक जीवन मे सुख शान्ति शक्ति आनन्द प्राप्त होगा ।

Comments
Post a Comment