जयपुर। श्रीमहंत मनोहरदास महाराज के सान्निध्य में जवाहरनगर सेक्टर चार, रामलीला मैदान के पास स्थित श्रीराम लीलेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित की जा रही भागवत कथा में बुधवार को व्यासपीठ से तेरह वर्षीय बालशुक प्रियाशरण महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का श्रवण करवाया। उन्होंने कहा भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं को देखने के लिए स्वर्ग के देवता ही गोपियां बनकर आए और उनके संग रास रचाया। श्रीकृष्ण की बाल छवि पर स्वर्ग के सभी सुख और आनंद फीके हैं। भगवान की बाल लीलाओं का श्रवण करने से अपार आनंद मिलता है। गोवर्धन लीला के प्रसंग में उन्होंने कहा कि भगवान ने प्रकृति की पूजा का संदेश देने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया और इन्द्र का अभिमान दूर किया। इस अवसर छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई। कथा के प्रारंभ में भावगतजी की आरती उतारी गई। आयोजक जयकिशन पठानी ने बताया कि कथा 23 दिसम्बर तक होगी
जयपुर। श्रीमहंत मनोहरदास महाराज के सान्निध्य में जवाहरनगर सेक्टर चार, रामलीला मैदान के पास स्थित श्रीराम लीलेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित की जा रही भागवत कथा में बुधवार को व्यासपीठ से तेरह वर्षीय बालशुक प्रियाशरण महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का श्रवण करवाया। उन्होंने कहा भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं को देखने के लिए स्वर्ग के देवता ही गोपियां बनकर आए और उनके संग रास रचाया। श्रीकृष्ण की बाल छवि पर स्वर्ग के सभी सुख और आनंद फीके हैं। भगवान की बाल लीलाओं का श्रवण करने से अपार आनंद मिलता है। गोवर्धन लीला के प्रसंग में उन्होंने कहा कि भगवान ने प्रकृति की पूजा का संदेश देने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया और इन्द्र का अभिमान दूर किया। इस अवसर छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई। कथा के प्रारंभ में भावगतजी की आरती उतारी गई। आयोजक जयकिशन पठानी ने बताया कि कथा 23 दिसम्बर तक होगी

Comments
Post a Comment