-शक्तिपीठ-चेतना केन्द्रों में हुए जप-ध्यान-यज्ञ
जयपुर। गायत्री शक्तिपीठ, प्रज्ञापीठ और चेतना केन्द्रों में शनिवार से सामूहिक गायत्री अनुष्ठान हुए। साधकों ने प्रारंभ में हाथ में अक्षत और पुष्प लेकर अनुष्ठान का संकल्प लिया। जलपूरित कलश और प्रज्जवलित दीपक के समक्ष सबके कल्याण की कामना के साथ सद्बुद्धि की अधिष्ठात्री मां गायत्री के महामंत्र का मौन मानसिक जाप किया। प्रत्येक साधक नौ दिन में 24 हजार गायत्री मंत्र जप अथवा 2400 गायत्री मंत्रलेखन करेंगे। ब्रह्मपुरी और वाटिका स्थित गायत्री शक्तिपीठ, किरण पथ मानसरोवर स्थित वेदना निवारण केन्द्र, गायत्री चेतना केन्द्र सांगानेर, प्रतापनगर, गायत्री नव चेतना केन्द्र कुंभा मार्ग प्रतापनगर, गायत्री चेतना केन्द्र सांगानेर, मुरलीपुरा, जनता कॉलोनी, वैशालीनगर, प्रतापनगर, गांधीनगर, मालवीयनगर सहित अन्य गायत्री चेतना केन्द्रों पर भी सामूहिक साधना अनुष्ठान प्रारंभ हुए। सुबह ध्यान के साथ नवरात्र अनुष्ठान की शुरुआत हुई। इसके बाद देव पूजन और हवन किया। दिनभर गायत्री मंत्र जाप, मंत्रलेखन, गायत्री चालीसा पाठ और सद्ग्रंथों का अध्ययन किया गया। शाम को नाद योग और आरती हुई। शांतिकुंज हरिद्वार के आह्वान पर शाम सात बजे घर के बाहर पांच दीपक जलाकर नव विक्रमी संवत्सर का स्वागत किया गया। सुबह सूर्योदय के समय सामूहिक रूप से सूर्य भगवान को अघ्र्य अर्पित किया।
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