राजस्थान में शिक्षा की नई दिशा: अकबर को हटाया, महाराणा प्रताप की वीरता पर जोर


 Akbar Curriculum Change: उदयपुर। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने रविवार को उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में आयोजित 28वें राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने ऐलान किया कि अब स्कूलों में अकबर को महान बताने वाली शिक्षा बंद की जाएगी।

अकबर को लेकर ऐतिहासिक बदलाव

मदन दिलावर ने समारोह में कहा, "हम अब अकबर को महान बताकर स्कूलों में नहीं पढ़ाएंगे। अकबर ने इस देश को लूटने का काम किया।" उनके इस बयान ने शिक्षा क्षेत्र में हलचल मचा दी है, खासकर उन पाठ्यक्रमों पर जो अकबर की महानता का गुणगान करते हैं।

महाराणा प्रताप को 'महान' बताने की मांग

मंत्री ने महाराणा प्रताप की वीरता की सराहना करते हुए कहा, "महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की आन, बान और शान की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी। यह निंदनीय है कि उन्हें कभी भी महान नहीं बताया गया।" उनका यह बयान ऐतिहासिक नायकों के प्रति सम्मान को लेकर जारी चर्चा को और गरमा देगा।

यह भी पढ़ें : घूसखोरी का खेल खत्म: एसीबी की 40 दिन की बिसात पर जेडीए जोन-9 के 6 मोहरे मात

भामाशाहों की भूमिका की सराहना

दिलावर ने भामाशाहों के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "1997 में पूर्व मुख्यमंत्री शेखावत ने भामाशाहों से सहयोग लेने की परंपरा की शुरुआत की थी। राजस्थान की धरती पर भामाशाहों ने अपनी सम्पत्ति दान कर दी थी, और यह परंपरा आज भी जारी है।"

राजस्थान की वीरता को उजागर

मंत्री ने राजस्थान को वीरता और शौर्य की भूमि बताते हुए कहा, "राजस्थान महापुरुषों, त्याग, तपस्या, शौर्य और वीरता की भूमि है। हमारे इतिहास में भामाशाहों ने अपने धन से महाराणा प्रताप की मदद की, और इस परंपरा को हम आगे बढ़ाएंगे।"

इस समारोह में मंत्री ने राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को उजागर करते हुए, शिक्षा और भामाशाहों के योगदान को भी विशेष रूप से सराहा।

Comments