डेंगू के नए लक्षणों ने डॉक्टर्स को चौंकाया: इलाज में देरी से बढ़ सकता है जानलेवा खतरा!


जयपुर । शहर में  बारिश का दौर थमते ही डेंगू का कहर शुरू हो गया है। एसएमएस अस्पताल, जेके लोन, गणगौरी और कांवटिया जैसे प्रमुख अस्पतालों में हर दिन 600 से ज्यादा नए डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। इनमें से 10 प्रतिशत मरीजों को गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है।


डेंगू के नए लक्षणों ने डॉक्टर्स को भी चौंकाया: इलाज में थोड़ी भी देरी जानलेवा!

इस साल डेंगू के मामलों में एक नई और खतरनाक प्रवृत्ति देखने को मिल रही है—पहले सामान्य लक्षण और अचानक गंभीर हालत! डॉक्टर्स का कहना है कि इलाज में थोड़ी भी देरी से मरीज की हालत बिगड़ सकती है, जिससे मौत का खतरा 20% तक बढ़ जाता है।

बुखार कम, लेकिन खतरा ज्यादा: नए लक्षणों के साथ डेंगू का हमला

डेंगू अब कमजोर लक्षणों के साथ भी आ रहा है—बुखार 100 डिग्री तक सीमित हो गया है, और उल्टी, भूख कम लगना, कमजोरी जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं। युवाओं में (20-30 वर्ष) गंभीर डेंगू के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं, जिससे चिंता बढ़ गई है।

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डेंगू के 4 खतरनाक प्रकार: जानिए क्या है नया खतरा!

डेंगू चार प्रकारों में होता है—डीईएन-1, डीईएन-2, डीईएन-3 और डीईएन-4। इनका प्रभाव अलग-अलग होता है, और शरीर में अलग तरह से रिएक्ट करता है, जिससे इनकी पहचान मुश्किल हो रही है। अचानक चक्कर, सूजन, हल्का बुखार या कमजोरी महसूस होने पर तुरंत डेंगू की जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें।

गंभीर डेंगू के लक्षण: तीन से सात दिनों में दिखते हैं खतरनाक संकेत

अगर डेंगू का इलाज समय पर शुरू हो जाए तो मृत्यु की संभावना 0.05% रहती है। शुरुआत में डेंगू की पुष्टि के बाद तीन से सात दिनों में गंभीर लक्षण दिखने लगते हैं, जैसे शरीर का ठंडा पड़ना, उल्टियां, पेट में तेज दर्द, तेज सांसें, शरीर में पानी भरना, मसूड़ों और नाक से खून आना, सुस्ती और लिवर में सूजन।

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी है।

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