पत्नी पर गंभीर आरोप
पति ने फरवरी 2022 में कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की थी, जिसमें उसने आरोप लगाया कि पत्नी उसे माता-पिता से अलग रहने का दबाव बना रही थी और मांग पूरी न होने पर उसे फंसाने की धमकी देती थी। इन आरोपों को कोर्ट ने गंभीरता से लिया और पत्नी के आचरण को 'क्रूरता' मानते हुए शादी को खत्म कर दिया।
पत्नी का बचाव फेल
पत्नी ने पति के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि पति और उसके माता-पिता ने उसे प्रताड़ित किया। उसने आरोप लगाया कि पति हमेशा शक करता था कि उनका बेटा उसका नहीं है और डीएनए टेस्ट की मांग करता था। साथ ही, उसने मारपीट और दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया। लेकिन कोर्ट ने पाया कि पत्नी अपने आरोपों को साबित नहीं कर पाई और उसने कभी पुलिस या अन्य प्राधिकृत अधिकारियों को शिकायत नहीं की।
कोर्ट की कड़ी टिप्पणियाँ
कोर्ट ने कहा कि पत्नी ने 16 अगस्त 2021 को स्वीकार किया था कि उसके शादी से पहले और बाद में भी बॉयफ्रेंड के साथ संबंध थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक पढ़ी-लिखी महिला से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि उसने बिना पढ़े और समझे समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए होंगे। पत्नी ने तलाक की अर्जी दाखिल होने के बाद अदालत में संबंधों की पुनर्स्थापना के लिए कोई प्रयास नहीं किया।
मुख्य बिंदु
क्रूरता के आरोपों को माना: कोर्ट ने पत्नी के क्रूरता के आरोपों को मानते हुए तलाक की डिक्री जारी की।
झूठे आरोपों का खंडन: पत्नी के आरोप झूठे पाए गए और उसने किसी भी स्तर पर शिकायत दर्ज नहीं की।
समझौते की स्वीकृति: पत्नी ने स्वीकार किया कि उसने अपने बॉयफ्रेंड से संबंध खत्म करने और माफी मांगने का समझौता किया था।
कोर्ट का कड़ा निर्णय: कोर्ट ने यह संदेश दिया है कि क्रूरता के मामलों में कड़े कदम उठाए जाएंगे और पर्याप्त सबूत पेश करने की आवश्यकता है।

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