Jal Jeevan Mission scam: जयपुर। प्रदेश में जल जीवन मिशन (JJM ) और पेयजल परियोजनाओं में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की भयावह तस्वीर सामने आई है। जलदाय विभाग के 140 इंजीनियरों पर गंभीर आरोप लगे हैं—रिश्वतखोरी, गड़बड़ियों और पद का दुरुपयोग करने के बावजूद इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बजाय उन्हें प्रमोशन से नवाजा जा रहा है। एसीबी की रिपोर्ट्स और फाइलें धूल खा रही हैं, जबकि आरोपियों को खुलेआम बचाया जा रहा है।
एसीबी की चेतावनी अनसुनी, अभियोजन स्वीकृति पर टालमटोल
दो महीने पहले एसीबी ने जल जीवन मिशन घोटाले में 13 इंजीनियरों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की मांग की थी, जिनमें दो चीफ इंजीनियर और कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के इन गंभीर मामलों पर कार्रवाई के बजाय, विभाग अभियोजन स्वीकृति की फाइलें एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर में घुमा रहा है। मंत्री कन्हैयालाल चौधरी द्वारा सख्त कार्रवाई और भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने के दावों के बावजूद, फाइलें जानबूझकर दबाई जा रही हैं।
भ्रष्टाचारियों को प्रमोशन: चार्जशीट छुपाकर सम्मान
जलदाय विभाग ने हाल ही में 192 इंजीनियरों और केमिस्टों को प्रमोशन दिया, जिनमें से कई भ्रष्टाचार की जांच के दायरे में थे। चार्जशीट और कारण बताओ नोटिस जारी करने की बजाय, विभाग ने डीपीसी कर इन्हें प्रमोट कर दिया। जल जीवन मिशन में घटिया पाइपलाइन और टंकियों की अनियमितताओं की जांच पेंडिंग है, लेकिन बिना कार्रवाई किए, ठेकेदारों को फर्जी भुगतान और गड़बड़ियों के दोषी इंजीनियरों को प्रमोशन मिल गया है।
जयपुर रीजन: भ्रष्टाचार का गढ़, 21 मामले पेंडिंग
जलदाय विभाग में सबसे ज्यादा अनियमितताएं जयपुर रीजन द्वितीय में देखने को मिल रही हैं। यहां 21 मामले पेंडिंग हैं, जिनमें कई इंजीनियर रिश्वत लेते हुए पकड़े गए लेकिन फिर भी प्राइम पोस्टिंग पर बने हुए हैं। यह सब राजनीतिक दबाव और अंदरूनी साठगांठ के चलते हो रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची शिकायत, पर कार्रवाई शून्य
भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची है, लेकिन राजनीतिक दबाव और विभागीय साठगांठ ने इन फाइलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जवाबदेही और सख्त कार्रवाई के वादों के बावजूद, दोषियों को सजा देने की बजाय, उन्हें उच्च पदों पर प्रमोट किया जा रहा है।
रीजन वाइज पेंडिंग प्रकरण
- जयपुर रीजन-द्वितीय : 21
- भरतपुर रीजन : 9
- बीकानेर रीजन: 1
- चूरू रीजन : 1
- जयपुर रीजन-प्रथम : 6
- कोटा रीजन : 3
- अजमेर रीजन : 7
- अलवर एनसीआर रीजन : 6
- जोधपुर रीजन-द्वितीय : 9
- उदयपुर रीजन : 1
- स्पेशल प्रोजेक्ट : 1
- ड्रिलिंग : 1

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