क्या है योजना?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की यह योजना 1991 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है:
- 1000 से कम आबादी वाले गांवों में जमीन की दर होगी 2 रुपए प्रति वर्ग मीटर।
- 2000 की आबादी वाले गांवों में 5 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर पर जमीन आवंटित की जाएगी।
- 2000 से अधिक आबादी वाले गांवों में यह दर 10 रुपए प्रति वर्ग मीटर होगी।
मुख्यमंत्री द्वारा पट्टे आवंटन
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दो अक्टूबर को एक भव्य राज्य स्तरीय समारोह में इन परिवारों को पट्टे सौंपेंगे। इसके अतिरिक्त, ग्राम सभाओं में भी पट्टों का वितरण किया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर भी इसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा।
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आवेदन और कार्यवाही की समयसीमा
- आबादी भूमि का चिह्नीकरण: सभी गांवों में आबादी भूमि का चिह्नीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है और रिपोर्ट पंचायत राज विभाग को सौंप दी गई है।
- आवेदन की अंतिम तिथि: 5 सितंबर।
- जमीन देने के प्रस्ताव: 25 सितंबर तक ग्राम पंचायतों की बैठकों में पारित किए जाएंगे।
यह पहल प्रदेश के हजारों घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू परिवारों के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो सकती है, जिससे उन्हें स्थायी आवास प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकेगा। इस योजना के जरिए, सरकार ने समाज के इस खास वर्ग की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया है।

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