क्या भजनलाल सरकार से नाराज वसुंधरा राजे! इन 3 बयानों ने उड़ा दी बीजेपी की नींद

 VasundharaRaje: जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के तीखे बयानों ने प्रदेश की राजनीति में जोरदार हलचल मचा दी है। हाल ही में राजे ने कहा, “किसी को पीतल की लौंग मिल जाए तो वो खुद को सर्राफा समझने लगता है।” यह टिप्पणी सीधे पार्टी के अंदर चल रही खींचतान की ओर इशारा कर रही है। चुनावों के बाद से ही जब राजे को मुख्यमंत्री पद नहीं मिला, तब से इस तरह के बयानों ने सियासी तापमान बढ़ा रखा है।


वसुंधरा राजे के 'सियासी तीर':

3 अगस्त 2024:
भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष के कार्यक्रम में वसुंधरा ने कहा, “राजनीति उतार-चढ़ाव का खेल है। तीन चीजों पर ध्यान जरूरी है—पद, कद, और मद। पद और मद टिकते नहीं, लेकिन कद आपके काम से बनता है।”

16 अगस्त 2024:
उदयपुर के एक जैन समाज कार्यक्रम में उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “अब जीओ और जीने दो के बजाय, जीओ और जीने मत दो का दौर है। जैसा बोओगे, वैसा काटोगे।”

3 सितंबर 2024:
वसुंधरा ने फिर एक सख्त बयान दिया, “कई लोग पीतल की लौंग पाकर खुद को सर्राफ समझ लेते हैं। आसमान छूने की चाहत रखो, लेकिन पैर जमीन पर होने चाहिए।” यह बयान मंच पर बैठे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर इशारा माना जा रहा है।

राजे के बयानों का सियासी संकेत:

राजे के इन लगातार बयानों को बीजेपी नेतृत्व से उनकी गहरी नाराजगी के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। खासतौर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खिलाफ उनका यह 'वाकयुद्ध' जारी है। उनके समर्थक इसे मजाक बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस नेता प्रताप खाचरियावास का कहना है कि राजे का निशाना सीधे तौर पर भजनलाल सरकार पर है, जो राज्य में खराब शासन का उदाहरण है।


Comments