3500 Crore Scam: जयपुर: राजस्थान के मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने गहलोत सरकार के कार्यकाल के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग (डीओआईटी) में 3500 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम से इसकी जांच की मांग की है। रविवार को बेढम के आवास पर मुलाकात के दौरान मीणा ने बताया कि गहलोत सरकार के समय इस घोटाले की शिकायत एसीबी में की गई थी, लेकिन जांच की अनुमति नहीं दी गई। अब भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद, मीणा ने इस मामले की गहराई से जांच करवाने की अपील की है।(BJP vs Congress)
गृह राज्य मंत्री का बयान
मुलाकात के बाद गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा, "सीनियर मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कांग्रेस सरकार के दौरान हुए घोटाले की जांच की मांग की है। मैंने इस पर कार्रवाई करते हुए डीजीपी को फोन कर जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं।(Home Minister Jawahar Singh Bedham)
विवादास्पद टीए-डीए मामले पर आरोप
डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने डीओआईटी अधिकारियों पर आरोप लगाया कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट फॉर सोशल मीडिया डेवलपमेंट एक्टिविटी के तहत करोड़ों रुपए की अनियमितताओं का मामला सामने आया। मीणा के अनुसार, इन अधिकारियों ने जांच के नाम पर इतना अधिक टीए-डीए उठाया, जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से भी ज्यादा था। राजस्थान के अंदर के दौरे के लिए 2.61 लाख रुपए और राज्य के बाहर के दौरे के लिए 4.95 लाख रुपए का भुगतान किया गया, जो बेहद विवादास्पद है।
डीओआईटी के अधिकारियों पर गंभीर आरोप
किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी शिकायत में डीओआईटी के अधिकारियों दीपशिखा सक्सेना, कुलदीप यादव, और वित्त अधिकारी कौशल गुप्ता का नाम लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों पर करोड़ों रुपए के वर्क ऑर्डर जारी किए। मीणा ने जॉइंट डायरेक्टर प्रद्युमन सिंह और रणवीर सिंह पर रिश्वत लेने के आरोप भी लगाए, जिसमें रिश्वत की रकम उनके पत्नी के खाते में ट्रांसफर की गई थी।(TA/DA Controversy)
पेपर लीक मामले में पहले भी दी थी जानकारी
यह पहली बार नहीं है जब डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने घोटालों का पर्दाफाश किया है। दो महीने पहले ही उन्होंने एसओजी को तीन बड़े भर्ती परीक्षाओं — आरएएस, REET, और एसआई — में हुए पेपर लीक के सबूत सौंपे थे। उन्होंने एसओजी अधिकारियों और आरपीएससी चेयरमैन पर भी गंभीर आरोप लगाए थे।
डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने डीओआईटी घोटाले की जांच के लिए गृह राज्य मंत्री से एफआईआर दर्ज कराने की अपील की है। अब देखना होगा कि इस मामले पर सरकार और जांच एजेंसियां क्या कदम उठाती हैं और क्या इन आरोपों पर निष्पक्ष जांच हो पाएगी।(Investigation Request)

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