59 साल पुरानी रहस्यमय घटना, रविंद्र सिंह भाटी ने PM मोदी के मंत्री को क्यों लिखा पत्र?

59-Year-Old Incident: जयपुर। निर्दलीय नेता रविंद्र सिंह भाटी ने  रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक ज़रूरी पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शहीद हुए रेलवे कर्मियों की याद में एक विशेष म्यूजियम स्थापित करने की मांग की है। भाटी ने इस पत्र की वर्चुअल कॉपी अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर शेयर की और मंत्री को टैग भी किया है, जिससे उनकी मांग को अधिक ध्यान मिल सके।


गडरारोड़ रेलवे स्टेशन: शहादत का प्रतीक

भाटी ने पत्र में बाड़मेर जिले के गडरारोड़ रेलवे स्टेशन का उल्लेख किया, जो भारतीय रेलवे के गौरवशाली इतिहास में विशेष स्थान रखता है। उन्होंने बताया कि यह स्टेशन एकमात्र ऐसा स्थल है जहाँ रेलवे कर्मियों की शहादत को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए विशेष मेला आयोजित किया जाता है। (Shahi Railway Heroes)

शहीद रेलवे कर्मियों की बहादुरी की कहानी

9 सितंबर 1965 को, जब युद्ध सामग्री को सैनिकों तक पहुंचाना महत्वपूर्ण था, बाड़मेर से रेलवे कर्मियों और सेना के जवानों की एक टीम गडरारोड़ के लिए रवाना हुई। जैसे ही रेल गडरारोड़ के पास पहुँची, पाकिस्तानी बमबारी ने रेल के अंतिम कोच में आग लगा दी। इंजन चालक और अन्य रेलवे कर्मियों ने अत्यंत बहादुरी दिखाते हुए आग लगे कोच को रेल से अलग कर गाड़ी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इस घटना में 17 रेलवे कर्मियों ने अपनी जान की आहुति दी। 

https://x.com/RavindraBhati__/status/1833196745838494159

म्यूजियम की आवश्यकता: एक सच्ची श्रद्धांजलि

भाटी ने अपने पत्र में जोर देते हुए कहा, "इस बहादुरी को सम्मानित करने के लिए केवल एक शहीद मेला आयोजित किया जाता है, जो पर्याप्त नहीं है। ये 17 वीर रेलवे कर्मी हमारे देश के लिए प्रेरणा हैं और उनकी शहादत को सम्मान देने के लिए एक म्यूजियम का निर्माण जरूरी है। जैसलमेर के लोंगेवाला युद्ध स्थल की तर्ज पर एक म्यूजियम स्थापित करने से आने वाली पीढ़ियों को उनकी शहादत की महत्वता समझ में आएगी और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि मिल सकेगी।(Railway Shadid)

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