राजस्थान की माइनिंग पॉलिसी: क्या नए नियम बदल देंगे खनन की पूरी परिभाषा?"

MiningPolicy2024:  जयपुर: राजस्थान सरकार ने प्रदेश की 33 हजार से अधिक खदानों के लिए नई माइनिंग पॉलिसी का ऐलान कर दिया है, जो खनन उद्योग में एक नया युग शुरू करने जा रही है। इस नई पॉलिसी के तहत, रॉयल्टी वसूली की पुरानी ठेका प्रथा समाप्त कर दी जाएगी और ईंट बनाने में लगे कुम्हारों को रॉयल्टी में छूट मिलेगी। इसके साथ ही बजरी की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक नई पोर्टल व्यवस्था शुरू की जाएगी, जो बजरी की उपलब्धता को पारदर्शी और उचित दर पर सुनिश्चित करेगी।(IllegalMiningCrackdown)



नई पॉलिसी के आकर्षक पहलू:

  1. रॉयल्टी वसूली में बड़ा बदलाव: ठेका प्रथा समाप्त, कुम्हारों को रॉयल्टी में छूट। यह कदम खनन में पारदर्शिता और इक्विटी सुनिश्चित करेगा।

  2. ई-नीलामी की शुरुआत: सरकारी भूमि पर ओवरबर्डन डंपों की ई-नीलामी के जरिए इसका उद्योगों में उपयोग बढ़ेगा। निजी भूमि पर सरल निपटान प्रक्रिया लागू की जाएगी।

  3. जीरो वेस्ट माइंस पॉलिसी: खनन से निकलने वाले वेस्ट का तकनीकी उपयोग और एम-सेंड नीति के माध्यम से नदी की रेत पर निर्भरता कम की जाएगी।

  4. सख्त नियम और कड़ी कार्रवाई: खनन नियमों का उल्लंघन करने पर सरकारी रियायतें समाप्त कर दी जाएंगी। विवादों के समाधान के लिए विशेष प्रावधान और ऑटो म्यूटेशन की शुरुआत की जाएगी।

  5. सतर्कता विंग का विलेय: अवैध खनन को रोकने के लिए सतर्कता विंग को खनन विंग में विलय किया जाएगा। क्षेत्रीय कार्यालयों को अधिक स्वायत्तता मिलेगी।

  6. छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण: विभागीय कर्मियों के लिए प्रमुख तकनीकी संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं और उन्नत प्रशिक्षण मॉड्यूल।

  7. सामाजिक और आर्थिक भागीदारी: अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों में स्थानीय समुदायों की भागीदारी बढ़ेगी। बजरी के लिए नई पोर्टल व्यवस्था अवैध बजरी के परिवहन पर भी रोक लगाएगी।

 राजस्थान की नई माइनिंग पॉलिसी खनन क्षेत्र में आधुनिकता और पारदर्शिता लाने का वादा करती है। यह नीति खनन नियमों को सशक्त बनाने, अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने और स्थानीय समुदायों को सशक्त करने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाएगी।(MiningSectorReforms)

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