पायलट का बड़ा बयान: राजस्थान सरकार में सत्ता का बिखराव और आरपीएससी भंग करने की मांग पर सवाल


जोधपुर: कांग्रेस महासचिव और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शुक्रवार को जोधपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान राजस्थान सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार में सत्ता के बिखराव और संगठन-सरकार के बीच असहमति की ओर इशारा करते हुए कहा कि “सरकार में सत्ता के अलग-अलग केंद्र बन गए हैं। किसी को मालूम नहीं है कि मंत्री कैबिनेट में हैं या नहीं। संगठन कुछ बोलता है और सरकार कुछ बोलती है।” पायलट का यह बयान तब आया है जब प्रदेश में राजनीतिक हलचल और प्रशासनिक निर्णयों को लेकर असंतोष बढ़ रहा है।



पायलट ने आरोप लगाया कि सरकार में बिखराव इतनी जल्दी हुआ है कि आमतौर पर ऐसा खिंचाव सरकारों में तीन-चार साल बाद देखा जाता है। उन्होंने कहा, “सरकार में तीन लोग कुछ अलग बोलते हैं और इसका नुकसान आम जनता को उठाना पड़ता है। इस स्थिति का समाधान खोजने की आवश्यकता है, अन्यथा इसका सीधा असर जनता पर पड़ेगा।” उनके अनुसार, इस असंगति से निपटने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि प्रशासनिक निर्णयों में स्थिरता बनी रहे और विकास कार्य प्रभावित न हो।

आरपीएससी भंग करने की मांग और सरकार की इच्छाशक्ति पर सवाल

सचिन पायलट ने आरपीएससी (राजस्थान लोक सेवा आयोग) को भंग करने की अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि “यदि सरकार की इच्छाशक्ति हो तो इसे भंग किया जा सकता है। चुनाव से पहले बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन जब आरपीएससी भंग करने की बात आती है, तो हर कोई किनारा कर रहा है।” पायलट ने आरपीएससी की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठाते हुए कहा कि “आरपीएससी पर जनता का विश्वास अब समाप्त हो चुका है। आयोग की निष्पक्षता और कार्यक्षमता पर सवाल उठ रहे हैं, और इसे भंग करने की मांग इसलिए उठ रही है ताकि युवाओं को न्याय मिल सके।”

वन स्टेट-वन इलेक्शन पर पायलट का विरोध

पायलट ने वन स्टेट-वन इलेक्शन के विचार पर भी सवाल उठाए और कहा कि “भाजपा जब भी आती है, कोई न कोई शिगूफा छोड़ देती है। चुनाव एक साथ कैसे संभव हो सकता है?” उनके अनुसार, एक साथ चुनाव कराने की योजना का उद्देश्य प्रशासनिक सुधार की बजाय राजनीतिक लाभ प्राप्त करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि “सरकार में आपसी तालमेल की कमी है, जिससे बेतुके बयान सामने आ रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास ठप पड़ा है। यह स्थिति प्रशासनिक निर्णयों की स्थिरता को प्रभावित कर रही है और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल रही है।”

प्रदेश की कानून व्यवस्था और ममता बनर्जी पर पायलट की चिंता

प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर पायलट ने चिंता जताते हुए कहा कि “प्रदेश के हालातों पर जनता परेशान है। कानून व्यवस्था बिगड़ रही है और सरकार इसका वास्ता तक नहीं ले रही। बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है, लेकिन सरकार आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रही है। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और कानून व्यवस्था में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर टिप्पणी करते हुए पायलट ने कहा कि “ममता सरकार को कांग्रेस का साथ नहीं है। दुष्कर्म जैसी घटनाओं पर सरकार को कठोर कानून बनाना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।” पायलट ने जोर देकर कहा कि सभी राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की संभावनाएं

पायलट ने आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की और कहा कि “भाजपा की नीतियों से जनता ऊब चुकी है और कांग्रेस को बहुमत देगी।” उनके अनुसार, कांग्रेस की नीतियां और कार्यक्रम जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप हैं, और आगामी चुनावों में कांग्रेस को बहुमत मिलेगा।

विश्नोई समाज के समर्थन में पायलट का आश्वासन

विश्नोई समाज के कार्यक्रम में पायलट ने समाज के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि “यदि आपके समाज के हित के खिलाफ कोई साजिश करेगा, तो मैं आपकी सुरक्षा के लिए खड़ा रहूंगा।” उन्होंने समाज की परंपराओं की सराहना की और कहा, “मुझे खुशी होती है जब मैं देखता हूं कि समाज के लोग सरकारी नौकरी और बड़े पदों पर हैं। मुस्कराते रहो और मोटे-मोटे गहने पहनें। यह समाज की पहचान और गर्व का प्रतीक है।”

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