कन्हैयालाल हत्याकांड पर सियासी घमासान, कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने

Political Drama: जयपुर। उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी जावेद को जमानत मिलने के बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस ने एनआईए की जांच और मोदी सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, जबकि बीजेपी ने कानूनी प्रक्रिया और न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। इस विवाद ने आगामी उपचुनाव में सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है।

 कांग्रेस का आरोप:

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एनआईए की जांच में खामियों का आरोप लगाया है। डोटासरा ने कहा, "26 महीने हो चुके हैं, कन्हैयालाल को न्याय कब मिलेगा? 28 जून 2022 को उदयपुर में कन्हैयालाल की बर्बर हत्या हुई थी। कांग्रेस ने तुरंत आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन मोदी सरकार की एजेंसी एनआईए ने जांच अपने हाथ में ली। मोदी सरकार की कमजोर पैरवी के कारण आरोपी को जमानत मिल गई। कांग्रेस कन्हैयालाल के परिवार के साथ खड़ी है और न्याय की लड़ाई जारी रखेगी।"

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने हत्याकांड का राजनीतिक लाभ उठाया और मामले की जांच में ढिलाई बरती। उन्होंने कहा, "भाजपा ने इस घटना का चुनावी प्रचार में खूब इस्तेमाल किया और पीड़ित परिवार को दिए गए मुआवजे की राशि को कम करके दिखाया। अब जनता पूछ रही है कि भाजपा इस घटना का केवल राजनीतिक फायदा ही उठाएगी या न्याय दिलाने का भी प्रयास करेगी।"

भाजपा का पलटवार:

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। राठौड़ ने कहा, "हम कानूनी फैसले की समीक्षा करेंगे और जरूरत पड़ी तो अपील भी करेंगे। एनआईए ने जांच शुरू की और प्रारंभिक परीक्षणों के आधार पर जांच की। अदालत ने आरोपी को जमानत दी है, दोषमुक्त नहीं किया है।"

राठौड़ ने यह भी कहा कि भाजपा दोषियों को सजा दिलाने के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पूर्व में भी कांग्रेस सरकार ने आतंकियों के खिलाफ ढीला रवैया अपनाया और सजा दिलाने में गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट और अजमल कसाब के मामलों का उदाहरण देते हुए कांग्रेस पर सवाल उठाए।



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