गहलोत के करीबी पूर्व मंत्री पर एफआईआर: राजस्थान में भ्रष्टाचार के गहरे राज खुल सकते हैं

 CorruptionCase: जयपुर। जल जीवन मिशन (JJM) के विवादास्पद घोटाले में एक नया मोड़ आया है। पूर्व पीएचईडी मंत्री महेश जोशी, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं, के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने की मंजूरी राज्यपाल ने दे दी है। इस निर्णय ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि भ्रष्टाचार की गहरी परतें भी खुलने की संभावना जताई जा रही है।(RajasthanCorruption)



पूर्व मंत्री की संदिग्ध भूमिका पर बड़ा कदम

राज्यपाल द्वारा महेश जोशी के खिलाफ एफआईआर की मंजूरी देने के बाद, एसीबी की जांच अब एक नए मुकाम पर पहुंच गई है। प्राथमिक जांच रिपोर्ट में पूर्व मंत्री, एसीएस सुबोध अग्रवाल और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में जेजेएम के तहत हुए करोड़ों रुपये के भुगतान में गड़बड़ी की बात सामने आई है, जिसमें फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के उपयोग की पुष्टि हुई है।(CorruptionRevelations)

भ्रष्टाचार की परतें खोलने की दिशा में अहम कदम

महेश जोशी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने से यह सवाल उठने लगे हैं कि इस घोटाले में और कौन-कौन से भ्रष्टाचार के काले कारनामे उजागर होंगे। विभाग को फर्जी प्रमाण पत्र की जानकारी मिलने के बावजूद समय पर कार्रवाई न करने के कारण करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया। अब, एफआईआर दर्ज होने के बाद, इस मामले की गहराई से जांच होगी और संभवतः कई नए तथ्य सामने आ सकते हैं।

लंबित फाइलें और टिप्पणियों का इंतजार

महेश जोशी के खिलाफ एफआईआर की मंजूरी के बाद, सुबोध अग्रवाल और अन्य अधिकारियों की फाइलें कार्मिक विभाग (डीओपी) और पीएचईडी के पास लंबित हैं। इन मामलों पर टिप्पणियों के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।(FormerMinister)

भ्रष्टाचार के नए खुलासे की संभावना

यह मामला तब सुर्खियों में आया था जब एसीबी ने ठेकेदार पदम चंद जैन के ठिकाने पर छापेमारी कर पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई ने भी जांच की थी। अब, एफआईआर दर्ज होने के बाद, इस मामले में नए खुलासे होने की उम्मीद है, जो भ्रष्टाचार के और भी गंभीर पहलुओं को सामने ला सकते हैं।(JJMCorruption)

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