चित्तौड़गढ़ में जलझूलनी एकादशी पर भव्य रजत रथ यात्रा: मण्डफिया नगरी में श्रद्धा का उमड़ा सैलाब

 Sanwaliya Seth: चित्तौड़गढ़। मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम चित्तौड़गढ़ जिले के मण्डफिया स्थित सांवलियाजी मंदिर में जलझूलनी एकादशी के पावन अवसर पर रजत रथ यात्रा का आयोजन किया गया। इस भव्य यात्रा ने मण्डफिया नगरी को गोकुल के स्वरूप में बदल दिया, जहां श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी।(Chittorgarh Rath Yatra)



श्रद्धा का विशाल सैलाब

मण्डफिया के हर मार्ग पर श्रद्धा का सैलाब देखने को मिला, जिसमें देश के विभिन्न कोनों से आए भक्त भगवान सांवलिया सेठ की रथ यात्रा में शामिल हुए। मुख्य मंदिर के दक्षिणी द्वार से अभिजीत मुहुर्त में मंदिर के ओसरा पुजारी ने सांवलियाजी का विग्रह मुख्य मंदिर के गर्भगृह से लेकर मंदिर चौक में रखे रजत रथ में बिराजित किया और पूजा-अर्चना संपन्न कराई। इस दौरान मण्डफिया नगरी सांवलिया सेठ के जयकारों से गूंज उठी। रथ यात्रा के इस भव्य अवसर पर भक्तों की उत्सुकता और उमंग देखने लायक थी।



रजत रथ यात्रा और फागोत्सव की रंगीन झलक

रजत रथ यात्रा के दौरान मण्डफिया के विशाल मंदिर परिसर, गांव की गलियां और सांवलिया एनीकट रंग-बिरंगे अबीर और गुलाल से सराबोर हो गए, जो वृन्दावन के फागोत्सव का अनूठा अनुभव प्रदान कर रहा था। जैसे ही रजत रथ मंदिर से जल में झूलने के लिए नगर भ्रमण पर निकला, हाथी, घोड़े, पालकी और जय बोलो नन्द लाल की ध्वनि से वातावरण गूंज उठा। रथ यात्रा में हाथी, घोड़े, ऊंट, बैण्ड बाजे, नक्कारखाना, दो दर्जन से अधिक मालवी ढोल और बैण्ड, विशालकाय ध्वज पताकाएं, रजत छड़ी, गोटे और भजन मंडलियों के साथ मेलार्थी भाव-विभोर होकर नृत्य कर रहे थे। यहां आने वाले हर भक्त ने ठाकुर जी के दर्शन को लेकर विशेष उत्साह और श्रद्धा व्यक्त की।(Sanwaliya Seth Procession)



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