DuleepTrophy2024: डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली: संजू सैमसन की निरंतरता की कमी और रुतुराज गायकवाड की शानदार वापसी ने दलीप ट्रॉफी के इस सत्र में महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है। जबकि सैमसन के लिए यह एक अवसर हो सकता था कि वे अपने प्रदर्शन को सुधार सकें, गायकवाड ने अपनी बल्लेबाजी से अपने फॉर्म को साबित किया है। अब सभी की निगाहें इस पर हैं कि सैमसन अपनी अगली पारी में कैसा प्रदर्शन करते हैं और गायकवाड अपनी टीम को और कितना मजबूत बनाते हैं।
इस साल की दलीप ट्रॉफी में भारतीय क्रिकेट के सितारे अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, संजू सैमसन ने इस बार भी अपनी निरंतरता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, रुतुराज गायकवाड ने अपनी बल्लेबाजी से एक मजबूत वापसी की है।(IndianCricketPlayers)
1. संजू सैमसन की निराशाजनक शुरुआत
संजू सैमसन ने इस साल की दलीप ट्रॉफी में अपने पहले मैच में निराशाजनक प्रदर्शन किया। पहले ही पारी में उन्होंने केवल 6 गेंदों का सामना करते हुए 5 रन बनाए और आउट हो गए। यह प्रदर्शन उनके अंतरराष्ट्रीय करियर के लगातार उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। आईपीएल में वे अपनी क्षमता साबित करने में सफल रहे हैं, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में उनकी निरंतरता की कमी उनके चयन में बाधा बनती रही है।
2. टेस्ट टीम में न शामिल होने का मामला
संजू सैमसन का अभी तक भारत की टेस्ट टीम में चयन नहीं हुआ है। उन्होंने 16 वनडे मैचों में 510 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक शामिल है, और 30 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 444 रन बनाए हैं। लेकिन उनके प्रदर्शन की इस निरंतरता की कमी के कारण उनकी टेस्ट टीम में जगह नहीं बन पाई है। दलीप ट्रॉफी में उनके प्रदर्शन से यह प्रतीत होता है कि उनकी वापसी में समय लग सकता है, हालांकि उनके पास एक पारी और है जिसमें वे खुद को साबित कर सकते हैं।
3. रुतुराज गायकवाड की शानदार वापसी
वहीं दूसरी ओर, रुतुराज गायकवाड ने अपनी कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया है। पहले दिन केवल दो गेंद खेलकर वापस लौटने के बाद, गायकवाड ने अगले दिन 74 गेंदों पर 58 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली। यह पारी गायकवाड की मानसिक मजबूती और कौशल को दर्शाती है। वे अपनी टीम सी को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाने में सफल रहे हैं और उनकी बल्लेबाजी ने उन्हें दलीप ट्रॉफी में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।

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