जैसलमेर। प्रसिद्ध बाबा रामदेव मंदिर को लेकर सुरक्षा व्यवस्था में भारी फेरबदल किया गया है। मंगलवार को पोकरण रेलवे स्टेशन पर एक रेलवे कर्मचारी को मिली चिट्ठी ने हड़कंप मचा दिया है। इस पत्र में बाबा रामदेव के मेले के दौरान मंदिर में संभावित बम धमाकों की धमकी दी गई है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में चिंता का माहौल है।
धमकी की चिट्ठी में क्या है खास?
चिट्ठी में दावा किया गया है कि मेले के दौरान श्रद्धालु पारंपरिक रीति-रिवाज के तहत घोड़ों का चढ़ावा देते हैं। खतरे की बात यह है कि आतंकवादी इन घोड़ों का इस्तेमाल कर धमाके करने की योजना बना रहे हैं। पत्र में सुरक्षा एजेंसियों से अनुरोध किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी घोड़ों की जांच के बाद ही उन्हें मंदिर में प्रवेश दिया जाए। इसके साथ ही पत्र के लेखक ने इसे पुलिस के पास पहुंचाने की सिफारिश की है।
सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय
धमकी की चिट्ठी मिलते ही पुलिस, एटीएस की टीम और बम निरोधक दस्ते ने तुरंत एक्शन लिया और मंदिर का दौरा किया। सुरक्षा बलों ने एहतियात के तौर पर सभी श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए जाने वाले घोड़ों की जांच शुरू कर दी है। मंदिर में घोड़े को बाबा की सवारी मान कर पूजा जाता है, जो सुरक्षा को और भी महत्वपूर्ण बना देता है।
बाबा रामदेव का ऐतिहासिक महत्व
15वीं शताब्दी के प्रसिद्ध संत और समाज सुधारक बाबा रामदेव का जन्म 1409 ईस्वी में पोकरण के शासक अजमाल सिंह तंवर के घर हुआ था। जैसलमेर को बाबा की नगरी माना जाता है, जहां उनकी समाधि स्थित है। हर साल भादो महीने में आयोजित रामदेवरा मेला, जिसे पश्चिमी राजस्थान का महाकुंभ भी कहा जाता है, देशभर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस वर्ष, बाबा रामदेव का 640वां भादवा मेला 5 सितंबर से शुरू हो चुका है।
चमत्कारी घोड़ा: भक्तों की श्रद्धा का प्रतीक
बाबा रामदेव के जीवन में कई चमत्कारिक कहानियाँ मशहूर हैं, जिनमें से एक में उन्होंने कपड़े के बने घोड़े को आकाश में उड़ाया था। इस मान्यता के चलते, भक्त आज भी पुत्र प्राप्ति की कामना में बाबा को कपड़े का घोड़ा चढ़ाते हैं।
सुरक्षा एजेंसियां फिलहाल धमकी की चिट्ठी की गहराई से जांच कर रही हैं और मंदिर परिसर की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर, पूरे इलाके में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।

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