राजस्थान में सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 की स्थिति को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है। हनुमान बेनीवाल और सचिन पायलट की मांगों ने इस मुद्दे को और उग्र कर दिया है, और देखना होगा कि इस पर प्रशासन और सरकार का क्या कदम होता है।
बेनीवाल की मांग और आरोप:
बेनीवाल ने अपने पत्र में लिखा कि RPSC अध्यक्ष संजय क्षोत्रिय के बिना पेपर लीक की घटनाएं संभव नहीं हो सकतीं। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष की गिरफ्तारी से पेपर लीक से जुड़े कई बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं। बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान सरकार की एजेंसी एसओजी ने अब तक 3 दर्जन से अधिक ट्रेनी सब इंस्पेक्टरों और दो दर्जन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है, जो इस मामले में शामिल थे। इस स्थिति में, बेनीवाल ने आरपीएससी से यह परीक्षा रद्द करने की मांग की है।
आरपीएससी अध्यक्ष की गिरफ्तारी की मांग:
बेनीवाल ने RPSC के पूर्व सदस्यों रामूराम राइका और बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए संजय क्षोत्रिय की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग के किसी भी गोपनीय काम में अध्यक्ष का भी दखल होता है। बेनीवाल ने गहलोत राज के दौरान कई मंत्रियों और अफसरों के नाम लेकर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि संजय क्षोत्रिय की गिरफ्तारी आवश्यक है, जिससे पेपर लीक से जुड़े मामलों में बड़े सूत्रधारों का पता चल सके।
सचिन पायलट की भी प्रतिक्रिया:
सांसद हनुमान बेनीवाल अकेले नहीं हैं; कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी इस मुद्दे पर प्रेस नोट जारी किया है। पायलट ने RPSC की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए इसे भंग कर फिर से गठित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सब इंस्पेक्टर भर्ती पेपर लीक मामले में एसओजी ने RPSC के पूर्व सदस्य रामूराम राइका और ईडी ने बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया है। पायलट ने कहा कि इन गिरफ्तारियों के बाद RPSC जैसे प्रतिष्ठित संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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