हम कर्म को यश प्राप्ति के लिये नहीं करते। हम कर्म की उपासना करते है: आशीष शास्त्री


जयपुर। सौंखिया परिवार की ओर से चौडा रास्ता स्थित सौखिया भवन में चल रहे श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ में शुक्रवार को व्यास पीठ से आशीष शास्त्री ने बालकृष्ण लीला,कालिया दमन आदि की कथा प्रवचन किया। इस अवसर पर श्री गोवर्धन महाराज ,थाके सिर पर मुकुट विराज रह्यो....मैं तो गोवर्धन को जाउं रे...गोपाला हरि का प्यारा नाम है.....केशव माधव बोल,गोविंद बोल...जैसे भजनों से भक्ति रस बरसाते हुए श्रद्धालुओं को भक्ति रस की गंगा में डुबकी लगवाई।
  शास्त्री ने बाल लीलाओं पर प्रवचन करते हुए कहा कि कर्म ही मनुष्य के सुख, दुख, भय, क्षेम का कारण है। अपने कर्मानुसार मानव जन्म लेता है और मृृृत्यु को प्राप्त होता है। कर्म ही ईश्वर है। हम सभी नारायण के अंश हैं। हम कर्म को यश प्राप्ति के लिये नहीं करते। हम कर्म की उपासना करते हैं। जीवन में व्यक्ति जैसे कर्म करता है,उसी के अनुरूप उसे फल की प्राप्ति होती है। कर्म ही हमारी पूजा है। ‘कर से कर्म करो विधि नाना। चित्त राखो जहां दया निधाना’। यह दोहा सुनने में जितना सरल है। व्यवहारिक जीवन में उसे उतारना उतना ही कठिन है। नटखट बाल गोपाल श्रीकृष्ण जी की मिट्टी खाने वाली लीला का वर्णन किया। गोवर्धन लीला के रहस्य को प्रस्तुत किया। कथा प्रसंग के तहत 56 भाग की झांकी सजाई गई। आयोजक रामदास सौंखिया ने बताया कि शनिवार को कथा प्रसंग के तहत गोपी उद्धव संवाद, श्रीरूकमणि विवाह आदि प्रसंगों पर प्रवचन होंगे। कथा का समय 1जनवरी तक रोजाना दोपहर 1 बजे से साम 6 बजे तक रहेगा। 

Comments