आधी रात को जन्मा शांति का मसीहा



चर्चों में की गई विशेष प्रार्थना
जयपुर। राजधानी में क्रिसमस का पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया गया। शनिवार-रविवार की आधी रात को प्रभू यीशु का जन्म होते ही लोगों ने एक दूसरे को मेरी क्रिसमस कहकर शुभकामनाएं दी। शहर के सभी गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना, सभाएं हुई। चर्चों में विशेष लाइटिंग से साज-सज्जा की गई। सांता क्लाज ने बधाई एवं बच्चों को आकर्षक उपहार भी दिए। इस अवसर पर कई स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए।  चांदपोल स्थित सेंट एंड्यूज चर्च, घाटगेट स्थित सेक्रेट हार्ट चर्च, मालवीय नगर स्थित सेंट एंसलम्स चर्च, सी स्कीम स्थित सेंट जेवियर चर्च,  चर्च रोड स्थित ऑल सेंट चर्च, झोटवाड़ा स्थित होली रेडिमर चर्च में मध्य रात्रि में सामूहिक आराधना की गई।

मसीह समाज एक दुसरे को बधाई

 शहर कि विभिन्न चर्चों में सुबह से लेकर रात तक प्रभु यीशु मसीह के जन्मोत्सव की खुशियां बिखरी। रंग-बिरंगे नए वस्त्र धारण किए बुजुर्गों, युवक-युवतियों के साथ छोटे-छोटे बच्चों में भी जबरदस्त उत्साह दिखा। सुबह 8 बजे से ही चर्चों में विशेष आराधना का दौर शुरू हुआ जो 10 बजे तक चलता रहा। चर्च के फादर के सानिध्य में सुबह सामूहिक रूप से आराधना की गई और प्रभु के संदेशों को समधुर गीतों में प्रस्तुत किया गया। चर्चों में प्रसादी भी वितरित की गई। इसके बाद दिनभर श्रद्धालु चर्च पहुंचते रहे और कैण्डल प्रज्ज्वलित कर प्रभु यीशु व माता मरियम की प्रतिमा के समक्ष प्रार्थना कर प्रेम, शांति, सद्भावना के संदेश पर चलने का संकल्प दोहराते रहे। छोटे-बड़े सभी ने एक-दूसरे को प्रभु यीशु के अवतरण की बधाई दी। बधाई का सिलसिला रात तक चलता रहा। मसीही समाज के अलावा विभिन्न धर्मों के लोग भी चर्च पहुंचे और क्रिसमस की बधाई देकर मसीहीजनों की खुशी में शरीक हुए।  लोगों ने प्रभु यीशु मसीह से प्रार्थना की कि लोग और देश उन्नति करें। सब पर प्रभु यीशु मसीह की कृपा बनी रहे।

उत्साह का माहौल

शहर में समाज के युवाओं ने घर के लोगों और दोस्तों के साथ गिरजाघर पहुंचकर प्रभु यीशु के अवतरण पर जहां मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना की, वहीं एक-दूजे को क्रिसमस का संदेश देते नजर आए। सुबह से शाम तक चर्च में उत्साह का माहौल रहा। इस दौरान गिरजाघर की सीढिय़ों, वहां जलाई गई मोमबत्ती और प्रभु यीशु संदेश से सजी दीवार के पास समाजजनों ने फोटो भी खिंचवाया।

खुशी देने पहुंचे

शनिवार की आधी रात प्रभु यीशु का जन्मोत्सव मनाया गया। चर्च में आकर्षक ढंग से सजाई गई चरनी (झोपड़ी) की झांकी देखने के लिए श्रद्धालु उमड़े। प्रभु जन्म स्थान गौशाला में झोपड़ी, गड़रियों, मंजूषियों व मां मरियम की गोद में बैठे प्रभु की झांकी आकर्षण का केन्द्र है। इसे देखने समाज के लोगों का उत्साह चरम पर रहा। छोटे बच्चों का लगाव शांता क्लॉज में था।

 जन्म लिया है गौशाले मे

प्रार्थना सभा के बाद अलग-अलग समूह ने प्रभु यीशु के जीवन संदेश को गीतो में फिरोया। उन्होंने ‘मोहब्बत खुदा दिखाने आया‘...‘आया है मसीह आया है‘....और ‘जन्म लिया है गौशाले में‘...जैसे गीतों की प्रस्तुति दी। इस दौरान गिरजाघर में बड़ी संख्या में मसीही समाज के लोग मौजूद थे। बाद में परम पावन प्रसाद का वितरण किया गया। इसे लेने के लिए लोगों में उत्साह था।

प्रभु यीशु के संदेशों से लें सीख

चांदपोल  स्थित सेंट एंड्यूज चर्च, चर्च में फादर रि जितेन्द्र नाथ  के सानिध्य में विशेष आराधना संपन्न हुई। इस मौके पर फादर ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को प्रभु यीशु के संदेशों से सीख लेनी चाहिए और अपने जीवन में सत्य, अहिंसा, प्रेम, सेवा, सद्भावना, परोपकार को अपनाना चाहिए।

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