मानव योनि में जन्म लेने मात्र से जीव को मानवता प्राप्त नहीं होती: आचार्य मृदुल



जयपुर । गिर्राज संघ परिवार विश्वकर्मा के 18 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर सीकर रोड स्थित सन एंड मून परिसर में चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ में गुरूवार को व्यासपीठ से आचार्य मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि मानव योनि में जन्म लेने मात्र से जीव को मानवता प्राप्त नहीं होती।
यदि मनुष्य योनि में जन्म लेने के बाद भी उसमें स्वार्थ की भावना भरी हुई है तो मानव जीवन में राक्षसी योनि में जन्म लेने के बाद भी वह राक्षसी वृत्ति की पायदान पर खड़ा हो जाता है। यदि व्यक्ति स्वार्थ की भावना को त्यागकर हमेशा परमार्थ भाव से जीवन यापन करे तो वह निश्चित रूप से एक अच्छा इंसान है।
माखन लीला प्रसंग पर बोलते हुए कहा कि दूध, दही,माखन को खाकर के कंस के अनुचर बलवान होकर अधर्म को बढावा दे रहे थे, इसीलिए भगवान कृष्ण ने दूध, दही,माखन को मथुरा जाने से रोका और छोटे ग्वाल बालों को खिलाया जिससे वे ग्वाल बाल बलवान बनें और अधर्मी कंस के अनुचरों को परास्त कर सके।
भगवान श्रीकृष्ण ग्वाल बालों से इतना प्रेम करते थे कि उन्हें अपने पास बैठाकर जूटा खिलाते थे। हम जीवन में वस्तुओं से प्रेम करते है, और मनुष्यों का उपयोग करते हैं। ठीक तो यह है कि हम वस्तुओं का उपयोंग प्रेम करे और मनुष्यों से प्रेम करें इसीलिए जीवन में हमेशा प्रेम से बोलिए प्रभु की माखल चोरी लीला हम सभी को यही संदेश देती है। कथा प्रसंग के दौरान गिरिराज पूजा हुई व 56 भोग की झांकी सजाई गई।  इस दौरान 121 यजमानों गूंज रहे सस्वर पाठों में वातावरण को भक्तिमय बना दिया।  अध्यक्ष राम रतन अग्रवाल ने बताया कि कथा प्रसंग के तहत शुक्रवार  गोवर्धन पूजा होगी। गौ सेवा को समर्पित इस कार्यक्रम का समय रोजाना दोपहर 2 बजे से साम 6 बजे तक रहेगा।

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