‘वाहु-वाहु गोबिन्द सिंह आपे गुर चेला’



गतका पार्टी ने दिखाए हैरतअंगेज करतब गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी पर पुष्प वर्षा

जयपुर। सिख धर्म के दसवें गुरू सरबंस दानी साहिब श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के 350वें शताब्दी आगमन पर्व के पावन अवसर पर कार्यक्रमों की श्रंखला के आरम्भ में गुरूद्बारा श्री गुरू सिंह सभा राजापार्क के तत्वाधान में शहर की विभिन्न गुरूद्बारा प्रबन्धक कमेटियों एवं जत्थेबन्दियों के सहयोग से नगर कीर्तन का आयोजन रविवार को किया गया। श्री गुरूग्रन्थ साहिब जी की छत्रछाया में पांच प्यारों की अगुवाई में खालसाही मान सम्मान के साथ नगर कीर्तन दोपहर 2.30 बजे गुरूद्बारा कलगीधर शस्त्र स्थान, सेठी कॉलोनी से आरम्भ हुआ। नगर कीर्तन में सबसे आगे सिक्ख धर्म का ध्वज निशान साहिब एक सजे हुए हाथी पर लेकर चल रहे थे। उसके पीछे बैंड गुरूबाणी के रस का प्रवाह करते हुए चल रहा था। इसके साथ-साथ हाथी, घोड़ों का लवाजमा चल रहा था। श्री गुरूनानक देव विद्यालय के बच्चों के बैण्ड भी अपनी प्रतिभा का परिचय दे रहे थे। इसके साथ साथ विभिन्न सिक्ख शिक्षण संस्थाओं के बच्चे सिक्ख धर्म का जैकारा बोले सो निहाल सत श्री अकाल का उद्घोष करते हुए, कतारबद्ध होकर अनुशासन का परिचय दे रहे थे। नगर कीर्तन में पंजाब से आये हुए बीर खालसा सिख गतका अखाडा के सदस्योंं ने सिख गुरूओंं द्बारा सिखाई गई परम्परागत पुरातन शस्त्रविद्या एवं युद्ध कौशल गतका का प्रर्दशन कर साध संगत को आश्चर्यचकित कर दिया। इसके साथ-साथ कीर्तनी जत्था शबद तही प्रकाश हमारा भयो पटना शहर बिखै भव लयो एवं धन-धन-धन जन आया जिस प्रसाद सभ जगत तराया आदि शबदों का गायन करते हुए सम्पूर्ण मार्ग पर भक्ति का रस बांटते हुए चल रहे थे तथा नौजवान बोले सो निहाल सत श्री अकाल का उद्घोष करते हुए साथ-साथ चल रहे थे।
इसके बाद पांच प्यारे सजे हुए घोड़ों पर सवार होकर श्री गुरूग्रन्थ साहिब जी के आगे आगे चल रहे थे। फूलों से सजे हुए रथ में सभी धर्मों का सार लिये हुए पावन पवित्र ग्रन्थ जिसमें विभिन्न सिक्ख गुरूओं, भक्तों, भट्टों की बाणी संकलित है।


 श्री गुरूग्रन्थ साहिब जी को आदर सत्कार के साथ सुशोभित किये हुए थे। श्रद्घालु श्री गुरूग्रन्थ साहिब जी को माथा टेक, नतमस्तक होते हुए प्रसाद एवं गुरू का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे। इसके पीछे जयपुर शहर की समूह स्त्री सत्संग सभा का कीर्तनी जत्था शब्द वाहु-वाहु गोबिन्द सिंह आपे गुर चेला आदि शबदों का गायन करते हुए चल रहे थे। नगर कीर्तन के स्वागत सत्कार के लिये स्थान-स्थान पर स्वागत द्बारा बने हुए थे, रास्ते में विभिन्न व्यापारिक, सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों द्बारा श्री गुरूग्रन्थ साहिब जी का स्वागत सत्कार किया गया एवं श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। अन्त में नगर कीर्तन श्री गोबिन्द सिंह पार्क गुरूनानकपुरा पहुंचा जहां पर नगर कीर्तन का भव्य स्वागत किया गया। आयी हुई समूह साध संगत को प्रसाद, नाश्ता, फल आदि वितरित किये गये। इस अवसर पर भव्य एवं आकर्षक आतिशबाजी भी की गई।
श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के आगमन पर्व के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम 05 जनवरी को गुरूद्बारा राजापार्क में आयोजित किया जाएगा। जिसमें गुरू की नगरी सचखंड दरबार साहिब, अमृतसर से हैड ग्रंथी ज्ञानी मान सिंह , हजूरी रागी जत्था , सचखंड दरबार साहिब, श्री अमृतसर से भाई सतबीर सिंह , शिमला से भाई तजिन्दर सिंह , भाई बलदेव सिंह बुलंद पुरी, तथा हजूरी रागी जत्था, गुरूद्बारा राजापार्क से भाई मस्तान सिंह ''शान्त, साध संगत को गुरूबाणी एवं गुरमत विचारों से निहाल करेंगे। इसमें तीन दिवसीय कार्यक्रमों की शुरूआत में मंगलवार को सुबह का दीवान गुरूद्बारा श्री गुरूनानक दरबार, जवाहर नगर में होगा। एवं बुधवार को सुबह का दीवान गुरूद्बारा श्री गुरुसिंघ सभा, गुरु नानकपुरा में होगा।

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