-गायत्री जयंती की पूर्व संध्या पर विश्व के 100 देशों में अनूठा आयोजन
जयपुर। वेदमाता गायत्री जयंती (एक जून) के उपलक्ष्य में पूर्व संध्या पर 31 मई को 100 देशों में एक साथ गायत्री हवन किया जाएगा। राजधानी जयपुर में एक हजार आठ घरों में यज्ञ होगा। इसके लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कोरोना संक्रमण के कारण गायत्री जयंती पर सार्वजनिक रूप से बड़े कार्यक्रम करने के बजाय इस बार गायत्री परिवार के लोग अपने-अपने घरों में यज्ञ करेंगे। ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ, मानसरोवर, बनीपार्क, विद्याधरनगर, वैशालीनगर, सांगानेर, दुर्गापुरा, चाकसू सहित सभी चेतना केन्द्रों में भी यज्ञ होगा। गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ उपासना के अन्तर्गत यज्ञ में गायत्री मंत्र एवं महामृत्युंजय मंत्रों से एक साथ दुनिया के 100 देशों में आहुतियां दी जाएंगी। गायत्री परिवार राजस्थान जोन के प्रभारी अंबिका प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि गायत्री जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित यज्ञ में कार्यकर्ता घर में रहकर ही हवन कर सकेंगे। इससे संक्रमण का खतरा भी नहीं रहेगा। विश्व को कोरोना से मुक्ति और प्रत्येक मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े, इसी उद्देश्य से यह आयोजन किया गया है। लोगों को विभिन्न माध्यम से मंत्रोच्चारण के लिए प्रशिक्षित किया गया है। ऑनलाइन क्लास चलाकर मंत्र और श्लोक उच्चारण तथा यज्ञ-आरती के तरीकों की जानकारी जा चुकी है। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक महेश शर्मा ने बताया कि केंद्रीय आयुष विभाग द्वारा यह प्रमाणित किया गया है कि यज्ञ से वातावरण शुद्ध (सैनिटाइज) होता है। यह विषाणुओं का खात्मा करता है।जो परिजन खुद हवन करने में हिचक रहे हैं वे ऑनलाइन कराए जाने वाले हवन को देखकर भी कर सकेंगे। उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है।
इन औषधियों की अर्पित होंगी आहुतियां
इसमें साधक अमृता, ब्राह्मी, प्रज्ञा घास, गुगुल, नीम, पाकड़, बेल, अगर-तगर, चावल, गुड़, गाय का घी, आम की लकड़ी और गाय के गोबर से तैयार आयुर्वेदिक औषधि युक्त हवन सामग्री के साथ गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र और सूर्य आदित्य मंत्र का उच्चारण करते हुए आहुतियां अर्पित करेंगे। यह हवन सामग्री शांतिकुंज हरिद्वार ने सभी शहरों में पहुंचा दी है। कुछ जगह स्थानीय स्तर भी तैयार किया गया है।
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