जयपुर। लॉकडाउन के कारण कई जोड़े विवाह के बंधन में नहीं बंध पाए। कुछ शादियां हुईं भी तो शासन से अनुमति मिलने के बाद महज 15 या कम परिजनों की मौजूदगी में। लॉकडाउन खुलने की सुगबुगाहट के बीच मई और जून में बचे विवाह मुहूर्त को लेकर पंडितों के पास फोन आ रहे हैं। हालांकि, उन वर-वधु पक्ष के परिजन ज्यादा परेशान हैं जिनकी शादी के लिए अब अगले एक साल तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। इसीलिए वे 29 जून को भड़रिया नवमी के अबूझ मुहूर्त में शादी करना चाहते हैं। पर उनके मन में कई तरह के सवाल भी हैं। यदि लॉकडाउन खुल जाता है तो कितने लोगों को शादी में शामिल होने की अनुमति मिल सकेगी। क्या मांगलिक कार्यों को सीमित कर विवाह विधि-विधान से संपन्न कराया जा सकता है। इसे लेकर पंडितों का कहना है कि हालात और परिस्थितियों को देखते हुए सीमित समय और सीमित संसाधनों में भी विवाह की सभी रस्में संपन्न कराई जा सकती हैं।
मुहूर्त के लिहाज से ये साल अच्छा, अगले साल सिर्फ 46 ही
मुहूर्त के लिहाज से साल 2020 अच्छा है। हालांकि, लॉकडाउन के चलते मार्च से अब तक कई शादियां टाल दी गईं। 2020 में करीब 63 मुहूर्त हैं, जबकि अगले साल सिर्फ 46 मुहूर्त ही मिलेंगे। एक जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। यानी 25 नवंबर को एकादशी के मौके पर ही शहनाई बजेगी। नवंबर माह में 2 दिन और दिसंबर माह में 7 दिन मुहूर्त रहेगा। इसके बाद अगले साल अप्रैल 2021 तक विवाह मुहूर्त के लिए इंतजार करना होगा। ज्योतिषियों के मुताबिक अगले साल जनवरी से मार्च तक गुरु व शुक्र ग्रह अस्त रहने पर कोई मुहूर्त नहीं रहेंगे। लॉक डाउन बढ़ा तो हो सकता है कि शादियां टल जाएं, लेकिन शासन-प्रशासन से अनुमति मिले तो कुछ विवाह चंद रिश्तेदारों की मौजूदगी में हो सकते हैं।
जून के बाद एक बार फिर देवउठनी एकादशी से बजेंगी शहनाइयां
देवउठनी एकादशी का दिन भी विशेष रूप से विवाह के लिए मंगलकारी माना जाता है। इस दिन चातुर्मास के बाद भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं। इसीलिए यह तिथि अबूझ मुहूर्त मानी जाती है। इससे पहले मांगलिक कार्यों के आयोजन लगभग बंद होते हैं।
अबूझ मुहूर्त में कोई परेशानी नहीं
पं अक्षय शास्त्री के अनुसार लड़के-लड़की की कुंडली के मिलान में ही मुहूर्त निकलता है, लेकिन अबूझ मुहूर्त में ऐसी परेशानी नहीं होती है। इसीलिए लोग 29 जून के बारे में सोचने लगे हैं। 15 मई के बाद और 30 जून तक करीब 14 दिन मुहूर्त हैं। इसके बाद 25 नवंबर से शादियां शुरू होंगी।
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