जयपुर। सभी ग्रहों में मंगल ग्रह को सेनापति का दर्जा दिया गया है। मंगल ग्रह के शुभ होने पर व्यक्ति को काफी अच्छे फल मिलते हैं और उसका जीवन सुखी होता है। वहीं कुंडली में इसके अशुभ होने पर जातक का जीवन काफी तकलिफों भरा हो जाता है। मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव से दुर्घटवाओं के योग होने के साथ कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति दरिद्र हो जाता है और दुख उसको घेरे रहता है।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और बारहवें भाव में मंगल स्थित है तो इस तरह के लोगों को मंगली कहा जाता है और इनके ऊपर मंगल का काफी ज्यादा प्रभाव होता है।
अशुभ मंगल के प्रभाव
यदि किसी की कुंडली में मंगल अशुभ है तो ऐसे व्यक्ति को ऋण संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उसको भूमि-भवन आदि कार्यों में हानि होती है। मकान निर्माण में काफी दिक्कतें आती हैं। शरीर में दर्द की समस्या के साथ खून से संबंधित बीमारी होने की संभावना रहती है। ऐसे जातकों के विवाह काफी देर से होते हैं।
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