कोरोना मुक्ति के लिए दो हजार से अधिक स्थानों पर किया गायत्री यज्ञ

जयपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के आह्वान पर गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की ओर से  कोरोना  मुक्ति के लिए राजधानी में दो हजार से अधिक स्थानों पर गायत्री यज्ञ किया गया। गायत्री परिजनों ने गायत्री, महामृत्युंजय मंत्र के साथ आहुतियां अर्पित करने के बाद सूर्य भगवान को विशिष्ट मंत्रों ेके साथ आहुतियां अर्पित की। मुख्य आयोजन ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में हुआ। 


यहां निवास कर रहे  कार्यकर्ताओं ने पवित्रीकरण, आचमन, शिखावदन, प्राणायाम, न्यास, पृथ्वी पूजन, गुरू-गायत्री आह्वान के बाद वेदमाता गायत्री, गुरु सत्ता पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य और भगवती देवी शर्मा का षोडशोपचार पूजन किया। इसके बाद आहुतियां अर्पित कीं। राजस्थान जोन प्रभारी और शक्तिपीठ व्यवस्थापक महेश शर्मा के सान्निध्य में गायत्री प्रसाद और दिनेश आचार्य ने यज्ञ संपन्न करवाया। हवन में अमृता, ब्राह्मी, प्रज्ञा घास, गुगुल, नीम, पाकड़, बेल, अगर-तगर, चावल, गुड़ से तैयार आयुर्वेदिक औषधि युक्त हवन सामग्री और देसी गाय के घी के साथ आहुतियां अर्पित की। यज्ञ करवाते हुए गायत्री प्रसाद ने कहा कि गायत्री महामंत्र के उच्चारण से वातावरण में सकारात्मकता में वृद्धि होती है। कोरोना महामारी के कारण वातावरण में निराशा का जो वातावरण बन गया है वह गायत्री महामंत्र के जप से दूर होगा।



सांगानेर क्षेत्र में जिला संयोजक रणवीर चौधरी के निर्देशन में ढाई सौ से अधिक घरों में यज्ञ हुआ। भोजराज पारीक के निर्देशन में मानसरोवर क्षेत्र में सैंकड़ों घरों में सुबह नौ से दस बजे के मध्य यज्ञ हुआ। दुर्गापुरा क्षेत्र की कमान सुशील शर्मा ने संभाली। यहां चेतना केन्द्र के अलावा कार्यकर्ताओं ने अपने घरों में यज्ञ किया। वैशालीनगर, गांधीनगर, मुरलीपुरा, विद्याधरनगर, बनीपार्क, चाकसू, मालवीय नगर सहित विभिन्न चेतना केंद्रों में भी सुबह 9 बजे यज्ञ हुआ। यज्ञ के लिए सुबह नौ से अपराह्न चार बजे का समय तय किया गया। मौसम में ठंडक होने के कारण दोपहर को भी बड़ी संख्या में यज्ञ हुए। शाम को सभी जगहों से सूचना एकत्र कर शांतिकुंज हरिद्वार भिजवाई गई। 



गायत्री जयंती आज
 वेदमाता गायत्री जयंती आज मनाई जाएगी। ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में सुबह सात बजे मुख्य आयोजन के रूप में पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ होगा। शक्तिपीठ के व्यवस्थापक महेश शर्मा ने बताया कि पूर्व संध्या पर गायत्री महामंत्र का जप और दीपयज्ञ हुआ।  गायत्री जयंती पर होने वाले यज्ञ में शक्तिपीठ में रहने वाले परिजन ही विश्व कल्याण की कामना के साथ आहुतियां अर्पित करेंगे। इससे पूर्व गुरुसत्ता पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और भगवती देवी शर्मा, मां गायत्री का आह्वान कर षोडशोपचार पूजन किया जाएगा। गायत्री और महामृत्युंजय महामंत्र के साथ कोरोना मुक्ति की कामना के साथ आदित्य भगवान को भी विशिष्ट मंत्रों के साथ आहुतियां अर्पित की जाएंगी। गलता गेट स्थित गीता गायत्री मंदिर में गायत्री जयंती महोत्सव दो दिन एक और दो जून को पं. राजकुमार चतुर्वेदी के सान्निध्य में मनाया जाएगा। एक जून को  गंगादशमी को द्वादश ज्योतिर्लिंगों का सहस्त्रघटाभिषेक होगा। मां गीता गायत्री की जलविहार झांकी सजाई जाएगी। दो जून को गायत्री जयंती पर वेदमाता का दिव्य औषधियों और पंचामृत से स्नान कराकर नूतन नवीन पोशाक धारण कराई जाएगी। नयनाभिराम श्रृंगार कर महाआरती उतारी जाएगी। खोले के हनुमान मंदिर परिसर स्थित गायत्री मंदिर में भी गायत्री जयंती मनाई जाएगी। 

गंगा दशहरा भी आज: गंगा दशहरा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष दशमी एक जून को छोटीकाशी में श्रद्धा भावना के साथ मनाया जाएगा। श्रद्धालु भागीरथी का ध्यान करते हुए घरों में गंगा जल मिश्रित जल से स्नान कर पाप मुक्त करने की प्रार्थना करेंगे। इस दिन गंगा नदी में स्नान करना श्रेयस्कर होता है, किंतु कोरोना वायरस महामारी संकट की वजह से इस साल श्रद्धालु गंगा नदी में आस्था की डुबकी नहीं लगा पाएंगे।  महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम भारती ने बताया कि गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद सबसे पहले सूर्य देव को अघ्र्य दें। इसके बाद ऊं श्री गंगे नम: का उच्चारण करते हुए मां गंगे का ध्यान कर अघ्र्य दें। गंगादशमी को मां गंगा का ध्यान करते हुए मानसी गंगा स्नान करेंगे तो भी पुण्य मिलेगा। क्योंकि गंगा नाम के स्मरण मात्र से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं। गोविंददेवजी मंदिर के पीछे गंगा गोपालजी, स्टेशन रोड और चौड़ा रास्ता स्थित गंगा माता मंदिर मंदिर में विशेष आयोजन होंगे। 

Comments