सूर्यग्रहण जानिए मेष से लेकर मीन राशि के जातक दान के अलावा ये उपाय भी करें


जयपुर। सूर्यग्रहण आषाढ़ कृष्ण अमावस्या को 21 जून 2020 को रविवार के दिन पड़ रहा है। यह ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र और मिथुन राशि में खण्डग्रास सूर्यग्रहण होगा। इस दिन ग्रहण का समय 10:31 दिन पर ग्रहण का मध्य 12:18 दिन में और ग्रहण का मोक्ष 02 बजकर 04 मिनट पर होगा। अर्थात 21 जून को दिन 10:31 मिनट से शुरु होकर 02:04 मिनिट तक चलने वाले सूर्यग्रहण को दिन के 02:04 मिनट तक देखा जा सकेगा।

पूरे एशिया, दक्षिण पूर्वी यूरोप, अफ्रीका, इण्डोनेशिया, हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर, दक्षिण सूडान, पाकिस्तान के लोग इसे देख सकेंगे और भारत में यह अधिकांश भागों में दिखाई देगा। यदि ग्रहण पर राशि के अनुसार दान किया जाए, तो उसके विशेष और सटीक लाभ प्राप्त होते हैं। राशि के अनुसार, सूर्य ग्रहण पर दान किया जाना बहुत शुभ माना जाता है। इस ग्रहण से विभिन्न राशि वाले जातकों को क्या उपाय और दान करना चाहिए

मेष राशि :- हनुमान चालिसा का पाठ करे का पाठ करें, और पीले वस्त्रों को धारण करें। सूतक काल में हनुमान जी का प्रार्थना करते रहना चाहिए और इसके बाद दान के लिए कोई भी लाल रंग के अन्न को छू कर रख देना चाहिए। दान में मसूर की दाल, गेहूं या गुड़ अथवा लाल वस्त्र दिया जा सकता है। ग्रहण समाप्त होने पर आप इसे दान कर दें।

वृषभ राशि :- ॐ नमो नारायणाय का पाठ करें। लाल वस्त्र आपके लिये उत्तम हैं। वृषभ राशि वालों को ग्रहण के बाद सफेद चीजों का दान करना चाहिए। चावल, चीनी, सफेद वस्त्र,दूध या दूध से बनी चीजें दान करनी चाहिए। ग्रहण काल में देवी लक्ष्मी के भजन अथवा मंत्र का जाप करते रहें।


मिथुन राशि :- श्री सूक्त का पाठ करें। ग्रहण काल में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते रहें। नारंगी रंग के वस्त्र पहनने से शुभफल की प्राप्ति होगी। मिथुन राशि को ग्रहण के बाद हरे रंग की वस्तु का दान करना चाहिए। हरा मूंग, हरी सब्जियां या हरा वस्त्र आदि दान आप कर सकते हैं।

कर्क राशि :- विष्णु के पंचाक्षरी मंत्र का मानसिक जप करें। कर्क राशि वालों को भगवान शिव की अराधना सूतक काल में करनी चाहिए। साथ ही दान के लिए सफेद रंग की चीजों का ही प्रयोग करें। चांदी, दूध, चावल, चीनी या सफेद कपड़े आदि दान करना श्रेयस्कर होता है।


सिंह राशि :- पीपल में अर्घ्य प्रदान करें। सिंह राशि के जातकों को सूतक काल में सूर्य की पूजा करनी चाहिए और श्री आदित्यह्रदयस्त्रोत का पाठ करते रहना चाहिए। दान के लिए तांबे के सिक्के, गेंहू, कोई भी लाल फल आदि का दान किया जा सकता है।

कन्या राशि :- शिव स्तोत्र का नियमित पाठ करें। कन्या राशि वालों को ग्रहण काल में रामरक्षास्त्रोत का पाठ करना चाहिए। ग्रहण के बाद हरे रंग से जुड़ी चीजों का दान किया जा सकता है। हरा मूंग, हरी इलायची, गाय के लिए हरा चारा या हरा वस्त्र का दान श्रेयस्कर होगा।


तुला राशि :- नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। तुला राशि के जातकों को ग्रहण काल के दौरान श्रीसूक्त पाठ करना चाहिए। दान के लिए किसी मंदिर में पूजन सामग्री का दान करना चाहिए। इसमें धूप,दीप, अगरबत्ती या घी का दान किया जा सकता है।

वृश्चिक राशि :- ॐ नमः शिवाय का पाठ करें। वृश्चिक राशि के जातकों को हनुमानजी की आराधना ग्रहण काल में करनी चाहिए। बजरंगबाण का पाठ श्रेयस्कर होगा। साथ ही ग्रहण के बाद पीली वस्तुओं का दान करें। पीले वस्त्र, मिठाई, हल्दी, बेसन आदि का दान करना शुभ होगा।


धनु राशि :- ॐ दुर्गायै नमः का जाप करें। धनु राशि वालों को भगवान विष्णु की आराधना ग्रहण में करनी चाहिए और दान के लिए पीली चीजों का प्रयोग करना चाहिए। बेसन, हल्दी, केसर, चने की दाल या मिठाई दान करें।

मकर राशि :- हनुमत स्तोत्र का पाठ करें और घी का दीपक लगाएं। मकर राशि के जातकों को ग्रहण के समय सुंदरकांड का पाठ करना शुभ होगा और ग्रहण के बाद तिल, उड़द की दाल, सरसों आदि का दान करना चाहिए।

कुंभ राशि :- दुर्गा चालीसा का पाठ करे। कुंभ राशि के जातकों को ग्रहणकाल में शनिदेव की आराधना करनी चाहिए। काली चीजों का दान ग्रहण के बाद करें। मसाले, काले तिल, काली उरद आदि का दान किया जा सकता है।

मीन राशि :- विष्णु सहस्त्र नाम का नियमित जप करें, लाभ होगा। मीन राशि के जातकों को श्रीरामचरितमानस के अरण्य का पाठ करना श्रेयस्कर होगा। ग्रहण के बाद केले और चने की दाल का दान करना बेहतर होगा। साथ ही चिड़ियों के लिए दाना डालें।

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