इस ग्रहण को भारत के अतिरिक्त मध्य पूर्व के देशों, एशिया, उत्तर पूर्वी रूस को छोड़कर इंडोनेशिया, मार्कोनेशिया, अफ्रीका (पश्चिम-दक्षिण भाग को छोड़ कर), दक्षिण पूर्व यूरोप, मध्य पूर्व के देशों में देखा जा सकेगा।
सुबह 10.30 बजे स्पर्श
पं अक्षय शास्त्री के अनुसार, मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र पर लग रहे खंड ग्रास सूर्य ग्रहण का स्पर्श काल सुबह 10.30 बजे होगा। मध्य 12.18 बजे और मोक्ष 2.04 बजे होगा। ग्रहण का संपूर्ण काल 3 घंटा 33 मिनट और ग्रासमान 0.9936 होगा। सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पूर्व अर्थात 20 जून की रात 10.30 बजे सूतक काल आरंभ हो जाएगा।
धर्म शास्त्रों में कहा गया है-"सूर्य ग्रहेतु नाश्नियात् पूर्वम् याम् चतुष्टयम। चंद्रग्रहेतु याम्श्रिन बाल वृद्धा तुरैविना॥" अर्थात सूर्य ग्रहण में 12 घंटा और चंद्र ग्रहण में नौ घंटा पहले सूतक काल लग जाता है। इस अवधि में बालक, वृद्ध, रोगी को छोड़कर अन्य लोगों को भोजन नहीं करना चाहिए।
घर में पूरे कर सकते हैं स्नान विधान
ज्योतिष मान्यता के अनुसार ग्रहण के समय सूर्य देव की मुक्ति के लिए धार्मिक कर्म, स्नान और दान का महत्व है।ऐसी मान्यता है कि ग्रहण में जपा गया मंत्र सिद्धप्रद होता है। धर्म शास्त्र के अनुसार जहां-जहां ग्रहण दिखता है, वहां ही ग्रहण का फल भी होता है। इस अवधि में गंगा स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। हालांकि इस साल कोरोना संकट से विश्व जूझ रहा है। ऐसे में घर में ही सूर्यदेव व गंगा का स्मरण कर स्नान विधान किए जा सकते हैं।
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती नर्मदा सिंधु कावेरी जलेस्मिन सन्निधिम कुरु...।" हाथ में जल लेकर मंत्रोच्चार करें और जल को संपूर्ण जल पात्र में मिला दें। इससे समस्त नदियों में स्नान का पुण्य प्राप्त होगा।
मिथुन राशि वालों के लिए निषेध
सूर्य ग्रहण मिथुन राशि पर लग रहा है। अतः मिथुन राशि वालों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। उन्हें हर तरह से सावधान रहना चाहिए। मेष, सिंह, कन्या, मकर के लिए यह ग्रहण लाभप्रद रहने वाला है।
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