जयपुर। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया बुध पुष्य नक्षत्र में प्रथम पूज्य गणेशजी का पुष्याभिषेक किया गया। भगवान गणेश को नवीन पोशाक धारण कराकर फूल बंगले में विराजमान किया गया। अथर्वशीष मंत्रों के साथ मोदक का भोग लगाया गया। संपूर्ण विश्व को कोरोना महामारी से मुक्ति की कामना के साथ दुर्वाकुंर अर्पित किए गए। लॉकडाउन के चलते श्रद्धालुओं ने घरों से ही ऑनलाइन दर्शन किए।
मोतीडूंगरी गणेशजी मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में 251 किलो दूध, 21 किलो दही, सवा पांच किलो बूरा, पंचामृत अभिषेक हुआ। गणपति सहस्त्रनाम के साथ गजानन को मोदक अर्पित किए गए।
ब्रह्मपुरी स्थित दक्षिणावर्ती नहर के गणेश मंदिर में महंत पं.जय शर्मा के सान्निध्य में गणपति का अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाकर मोदकों का भोग लगाया गया। चांदपोल स्थित परकोटे वाले गणेश मंदिर में महंत कैलाश चंद शर्मा के सान्निध्य में गणेशजी महाराज का सुबह विधिवत अभिषेक किया गया। दूध, दही, घी, शहद, बूरा, गुलाब जल सहित अनेक द्रव्यों से गणेशजी को महा स्नान कराया गया। नवीन पोशाक धारण कराकर फूल बंगला और जल विहार की झांकी सजाई गई।
लॉकडाउन के कारण मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर रोक रही। मंदिर में गणपति स्त्रोत, अष्टोत्तरशतनाम के पाठ किए गए। मंदिर के प्रवक्ता पं. अमित शर्मा ने बताया कि करोना महामारी के नाश के लिए गणेशजी महाराज से प्रार्थना की गई। सूरजपोल बाजार स्थित श्वेत सिद्धि विनायक मंदिर में महंत मोहनलाल शर्मा के सान्निध्य में गणेशजी का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई गई। चौड़ा रास्ता के काले गणेशजी, दिल्ली बाईपास रोड स्थित आत्माराम गणेश मंदिर, गलता गेट स्थित गीता गायत्री गणेश मंदिर में गणेशजी का विशेष श्रृंगार किया गया।
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