जयपुर। इस समय अधिक मास चल रहा है। इसकी वजह से नवरात्रि सहित लगभग सभी त्यौहार 10 से 15 दिन आगे खिसक गए हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 17 अक्टूबर से होगी तो दशहरा 26 अक्टूबर वीर दीपावली का त्योहार 14 नवंबर को मनाया जाएगा। पं अक्षय शास्री के अनुसार 17 अक्टूबर से प्रारंभ होंगे। इसी दिन स्वार्थ सिद्ध्ी योग भी रहेगा। 18 को त्रिपुष्कर योग रहेगा। नवरात्री में विलंब होने के कारण इस बार दिपावली 14 नंवबर की होगी। जबकि ये पिछली बार 27 अक्टूबर को थी। तीज त्योहार की गणना हिंदी पंचागों के अनुसार की जाती है। इसके लिए हिंदी माह एवं तिथिया निर्धारित होती है। पंचाग के अनुसार उसी तिथि पर त्योहार आते है। हिंदी पंचाग में प्रत्येक तीन साल में अधिकमास आता है। जैसे अंग्रेजी कलैंडर में लीप ईयर होता है, वैसे हीं पंचाग में अधिकमास की व्यवस्था दी गई है। क्योंकि चंद्र वर्ष-सौर वर्ष में 11 दिन 3 घंटे 48 मिनिट छोटा होता है। अधिकमास के कारण सभी त्योहार पिछले वर्ष की तुलना में 10 से 15 दिन की देरी से अाएंगे।
सूर्य एवं चंद्र मास में ये है अंतर
सूर्य मास गति के आधार पर चलते हैं। इनकी शुरुआत संक्रांति से होती है और समापन को मासांत कहते हैं। सूर्य मास छह ऋतुओं के समय के आधार पर 29 से 33 दिन तक के भी हो सकते हैं। इसी तरह चंद्र मास पूर्णिमा से शुरू होकर अमावस्या पर समाप्त होते हैं। यह 27 से अधिकतम 30 दिन के ही होते हैं। इसी कारण दो से तीन वर्ष में सूर्य और चंद्र मास में काफी अंतर आ जाता है। इस अंतर को पाटने के लिए अधिक मास का सिद्धांत दिया गया
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