देश में कोरोना महामारी से बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान जोरों पर चल रहा है और 45 से अधिक उम्र के अधिकांश लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। वैक्सीन की कमी के बीच अब देश में 18 से अधिक उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगाने की मुहिम धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है। Covid-19 Vaccine के दोनों डोज लगने के बाद सरकार लोगों के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी कर रही है। इस कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को लोग खुशी-खुशी सोशल मीडिया पर भी शेयर कर रहे हैं, हालांकि सोशल मीडिया पर अपना कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट शेयर करना जोखिम भरा हो सकता है। इस संबंध में हाल ही में केंद्र सरकार ने एक चेतावनी भी जारी की है।
गृह मंत्रालयन ने किया सावधान
गृह मंत्रालय ने 'साइबर दोस्त' नाम के एक ट्विटर अकाउंट से पोस्ट करते हुए बताया है कि कोविड-19 वैक्सीन सर्टिफिकेट को भूलकर भी ऑनलाइन शेयर न करें क्योंकि वैक्सीन सर्टिफिकेट में यूजर्स का नाम और अन्य निजी जानकारी होती है। सोशल मीडिया पर ऐसी जानकारी को शेयर कर देने से यह व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन ठगी का शिकार करने वाले लोगों के हाथ लग सकती है। ऐसे में आपको इससे सावधान रहना चाहिए। गौरतलब है कि Cyber Dost एक ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा बनाया गया एक सेफ्टी और साइबर सिक्योरिटी जागरूकता साधन है।
इसलिए वैक्सीन सर्टिफिकेट है खास
कोरोना वैक्सीन की हर डोज लेने के बाद केंद्र सरकार कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी करती है और वैक्सीन धारक की काफी व्यक्तिगत जानकारी दी होती है। वैक्सीन का यह सर्टिफिकेट भविष्य में इंटरनेशनल ट्रैवल समेत महत्वपूर्ण कामों में उपयोग में लाया जकता है। COVID-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को आरोग्य सेतु ऐप या कोविन वेबसाइड से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
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