तीन दिवसीय श्री हनुमत चरित्र कथा का विश्राम

 


जयपुर। जेएलएन मार्ग, जेनपैक्ट के पास  स्थित केसर कोठी में तीन दिवसीय श्री हनुमत चरित्र कथा का विश्राम हुआ। व्यासपीठ से अकिंचन महाराज ने  हनुमानजी महाराज के गुणों का वर्णन करते हुए विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर चौपाई की व्याख्या करते हुए कहा कि हनुमान जी विद्यावान है और रावण विद्वान हैं। विद्वान वह है जो दूसरों की शांति का हरण कर लें। क्योंकि विद्वान व्यक्ति में प्राय: विद्या का अभिमान रहता है। अभिमानी व्यक्ति दूसरों को शांति से नहीं रहने देता है। विद्यावान वह है जो दूसरों की खोई हुई शांति को खोज कर वापस उन से मिला दें। विद्यावान व्यक्ति में अभिमान नहीं बल्कि भगवान प्रतिष्ठित होते हैं।
हरिनाम संकीर्तन परिवार के प्रवक्ता कृष्ण स्वरुप बूब ने बताया कि कथा के समापन पर आयोजक प्रेमलता गर्ग, आकाश गर्ग, बादल गर्ग सहित अन्य ने आरती उतारी। इसके बाद भंडारे का आयोजन किया गया। बुधवार 17 नवंबर से 108 कथाओं की श्रृंखला में 41वां आयोजन रजनी विहार, अजमेर रोड़  पर होगी। जिसके मुख्य यजमान श्रीकिशन  लढ्ढ़ा है।

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