जयपुर। सिख समाज के पहले गुरु गुरुनानक देव की जयंती कार्तिक पूर्णिमा शुक्रवार को धूमधाम से मनाई गई। शहर के सभी गुरूद्वारों में सुबह से रात तक विविध आयोजन हुए। बड़ी संख्या में साध संगत ने गुरू ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेककर सबके भले की अरदास की। वहीं रागी जत्थेदारों ने शबद कीर्तन कर गुरू महिमा का बखान करते हुए संगत को निहाल किया। इस मौके पर गुरू का लंगर बरता गया। मुख्य आयोजन राजापार्क स्थित गुरुसिंह सभा गुरुद्वारे में हुआ। सुखमनी साहिब के पाठ के बाद नितनेम पाठ हुए। इसके बाद कीर्तन दरबार सजाया गया। अमृतसर से हजूरी रागी जत्था भाई कंवलदीप सिंह, शुभदीप सिंह, मोहिन्दरजीत सिंह ने गुरूबाणी एवं गुरमत विचार से संगत को निहाल किया। हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा राजापार्क भाई मस्तान सिंह ने भी साध संगत को गुरुबाणी और गुरमत विचारों से निहाल किया। इस दौरान वाहे गुरू दी फतेह वाहे गुरू दा खालसा का जयघोष रह रह कर गूंजायमान हो उठा। इसके अलावा गुरुनानकपुरा, हीदा की मोरी, चांदी की टकसाल, जवाहरनगर, मालवीयनगर, वैशालीनगर, ट्रांसपोर्ट नगर सहित अन्य गुरुद्वारों में विशेष दीवान के कार्यक्रम हुए। आकर्षक सजावट के साथ ही पालकी गुरु ग्रंथ साहब को सजाया गया।
गुरुद्वारों में जहां रागी जत्थों और प्रचारकों ने गुरुवाणी कीर्तन और गुरमत विचार से संगत को जोड़े रखा। वहीं विभिन्न गुरूद्वारों के सेवादारों ने जगह-जगह प्रसाद वितरित किया। कहीं शरबत पिलाया गया। चारदीवारी के अलावा बाहरी क्षेत्रों में भी सुबह से देर शाम तक नाश्ता के पैकेट वितरित किए।
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