जयपुर। मार्गशीर्ष माह शनिवार से शुरू हो गया। इस माह तेज सर्दी पडऩे के कारण मंदिरों में ठाकुर जी की सेवा में परिवर्तन हो जाएगा। मार्गशीर्ष शरद ऋतु का दूसरा मास माना जाता है। इस महीने में कार्तिक से अधिक ठंड रहती है। इसलिए भगवान को सर्दी नहीं लगे इसलिए पुजारी मंदिरों में ठाकुर जी के आगे सिगरी रखते हैं। इस मास भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजन की परंपरा है। ठाकुरजी को अदरख और सांैठका सेवन करवाया जाएगा। अगले पौष महीने में भगवान को दाल की पकोड़ी, खीचड़ा, हलवे का भोग लगाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि इस माह सूर्य केतु की युति रहेगी। राहु की सप्तम दृष्टि सूर्य पर रहेगी। शुक्ल प्रदोष को सूर्य वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे।मार्गशीर्ष मास की एकम तिथि को देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन हुआ। वृहस्पति ने मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर किया।
आज बदलेगा गोविंद देवजी का सिंहासन:
पूरे मार्गशीर्ष माह में गोविंद देवजी मंदिर में ठाकुर जी का मंगला झांकी में गुनगुने जल से अभिषेक किया जाएगा। इसकी शुरुआत शनिवार से हो गई। रविवार से ठाकुर जी का सिंहासन बदला जाएगा। अब ठाकुर जी गुंबद वाले सिंहासन पर विराजमान होंगे। इससे पहले ध्वज वाले सिंहासन पर
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