जयपुर। कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर को सदी का सबसे अधिक अवधि का चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। चंद्रग्रहण वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा। खास बात यह है कि यह चंद्र ग्रहण काफी देर तक रहेगा। जहां वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण एक खगोलीय घटना है, वहीं धार्मिक दृष्टिकोण में भी इसके अपने प्रभाव हैं। धार्मिक रूप से देखा जाए तो ग्रहण को ज्यादातर अशुभ फल देने वाला माना जाता है और इसी कारणवश ग्रहण के दौरान और सूतक काल लगने पर कई कार्यों को करने की मनाही होती है। चंद्र ग्रहण खंडग्रास होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि पर ही लगता है। भारतीय समय के अनुसार ग्रहण 19 नवंबर को सुबह 11:34 मिनट से आरंभ होगा और इसका समापन शाम 5:33 मिनट पर होगा।
ग्रहणकाल की कुल अवधि लगभग छह घंटे होगी।
वृषभ राशि पर सर्वाधिक प्रभाव:
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि 19 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लग रहा है। चूंकि इस समय वृषभ राशि में राहु का गोचर हो रखा है, इसलिए सदी के सबसे बड़े चंद्र ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव वृषभ राशि पर दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण को आंशिक ग्रहण माना जा रहा है, इसलिए के दौरान जयपुर में सूतक नियमों का पालन नहीं किया जाएगा। सूतक काल पूर्ण ग्रहण की स्थिति में ही प्रभावी माना जाता है।
यहां देगा दिखाई: चंद्र ग्रहण भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सो में दिखाई देगा। वहीं विदेशों में अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा।
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