मार्गशीर्ष महीने में कौन से प्रमुख व्रत कब मनाएं जाएंगे


 

जयपुर। हिन्दू पंचांग के अनुसार साल का 9वां महीना मार्गशीर्ष माह है। इसे अगहन भी कहा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आमतौर पर ये महीना नवंबर और दिसंबर के बीच रहता है। मार्गशीर्ष यानी अगहन महीना अत्यन्त पवित्र माना जाता है। ये महीना श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय माना गया है। शास्त्रों में इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप कहा गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार शनिवार से मार्गशीर्ष (अगहन) मास प्रारंभ हुआ। यह महीना 19 दिसंबर तक रहेगा। पं अक्षय गाैतम ने बताया कि मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है। इस पवित्र माह में तीर्थों और नदियों स्नान से पापों का नाश होने के साथ मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। मार्गशीर्ष की शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में धनुर्धारी अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। गीता के श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण मार्गशीर्ष मास की महिमा बताते हुए कहते हैं। “बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्। मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकर’ इसका अर्थ है गायन करने योग्य श्रुतियों में मैं बृहत्साम, छंदों में गायत्री तथा मास में मार्गशीर्ष और ऋतुओं में बसंत हूं, शास्त्रों में मार्गशीर्ष का महत्व बताते हुए कहा गया है कि हिन्दू पंचांग के इस पवित्र मास में गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से रोग, दोष और पीड़ाओं से मुक्ति मिलती है।

मार्गशीर्ष मास के प्रमुख व्रत और त्योहार: 21 नवंबर को रोहिणी व्रत, 23 नवंबर संकष्टी को गणेश चतुर्थी, 27 नवंबर को कालाष्टमी, कालभैरव जयंती, 30 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी, 2 दिसंबर को प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, 5 दिसंबर को मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा, हेमंत ऋतु, चंद्र दर्शन, 7 दिसंबर को मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी, विनायक चतुर्थी, 8 दिसंबर को विवाह पंचमी, 9 दिसंबर को स्कंद षष्टी, 11 दिसंबर को मासिक दुर्गाष्टमी व्रत, 14 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती, 15 दिसंबर को मत्सय द्वादशी, 16 दिसंबर को प्रदोष व्रत, धनु संक्रांति, 18 दिसंबर को रोहिणी व्रत, पूर्णिमा व्रत, दत्तात्रेय जयंती, 19 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा, त्रिपुर भैरवी जयंती आएगी।


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