जयपुर। कार्तिक पूर्णिमा शुक्रवार को देव दिवाली पर छोटीकाशी के देवालय दीयों की रोशनी से दैदीप्यमान हो उठे। हजारों की संख्या में घी और तेल से जलाए दीपकों के प्रकाश से कोना-कोना प्रकाशवान हो उठा। आराध्य देव गोविंद देवजी, चौड़ा रास्ता के राधा दामोदर जी, रामगंज के लाड़लीजी, पुरानी बस्ती के राधा गोपीनाथ जी, सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित सरस निकुंज सहित अन्य मंदिरों में देव दिवाली का उल्लास और उमंग साफ दिख रही थी। शिवालयों में भी दीपदान किया गया। लोगों ने शाम को घरों में भी आस्था के दीये प्रज्जवलित किए।
आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में संध्याकाल में दीपदान के बाद रास पूर्णिमा की विशेष झांकी सजाई गई। मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर जी को सुनहरे पारचे की स्वर्णिम पोशाक धारण कराकर पुष्पों और आभूषणों से श्रृंगारित किया गया। रास पूर्णिमा पर ठाकुर श्रीजी को खीर और खीरसा का भोग अर्पण किया गया। मंदिर के गर्भगृह में रास का खाट सजाया गया। जिसमें चौसर और शतरंज खेलने से जुड़ा सभी सामान रखा गया। ठाकुर जी की सेवा में दूध, पान, इत्रदान अर्पित किए गए। श्री मन्न नारायण प्रंन्यास मंडल की ओर से सीकर रोड ढहर के बालाजी परसरामनगर स्थित श्रीमन्न नारायण धाम में देव दिवाली पर ठाकुर श्री लक्ष्मीनारायण का विशेष पूजन कर दीपदान किया गया। सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरीशरण महाराज के सान्निध्य में देव दिवाली मनाई गई। शाम को विशेष झांकी के दर्शन हुए। दीपदान कर देव दिवाली के पदों का गायन किया गया।
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