19 अप्रैल को अंगारक चतुर्थी:मंगलवार और चतुर्थी के योग में गणेश जी के साथ ही हनुमान जी और मंगल ग्रह की पूजा जरूर करें
धर्म प्रवाह डेस्क।
19 अप्रैल को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। मंगलवार ये तिथि होने से इसे अंगारक चतुर्थी कहते हैं। इस दिन गणेश जी के साथ हनुमान जी और मंगल ग्रह की पूजा खासतौर पर करनी चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार चतुथी पर गणेश जी के लिए भक्त व्रत रखते हैं और शाम को चंद्र दर्शन के बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं। दिनभर फलाहार और दूध का सेवन किया जा सकता है। मान्यता है कि चतुर्थी पर व्रत-उपवास, पूजा मंत्र जाप करने से भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो सकती हैं। साथ ही, घर में सुख-शांति बनी रहती है।
ग्रहों का सेनापति है मंगल
ज्योतिष में बताए गए नौ ग्रहों में मंगल को सेनापति माना जाता है। मंगल ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। मंगल देव भूमि पुत्र हैं। मंगल का जन्म स्थान मध्य प्रदेश के उज्जैन में माना गया है। मंगल देव को लाल फूल, लाल गुलाल, मसूर दाल विशेष रूप से चढ़ाई जाती है। इनकी पूजा में ऊँ भौमाय नमः मंत्र का जप करना चाहिए। मंगलवार का कारक ग्रह मंगल है। इस वजह से अंगारक चतुर्थी पर मंगल ग्रह की भी पूजा करने की परंपरा है।
श्रीराम चरित मानस के मुताबिक मंगलवार को ही हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसी वजह से हर मंगलवार हनुमान जी की पूजा की जाती है। भगवान के सामने धूप-दीप जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। इस दिन किसी गौशाला में हरी घास और धन दान केरं।
ऐसे कर सकते हैं गणेश जी की सरल पूजा
चतुर्थी पर घर में या किसी अन्य मंदिर गणेश जी का पंचामृत से अभिषेक करें। पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और मिश्री से मिलाकर तैयार किया जाता है। पंचामृत से अभिषक करने के बाद जल से अभिषेक करें। वस्त्र, हार-फूल, दूर्वा और इत्र आदि चीजें चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं। आरती करें और श्री गणेशाय नम: मंत्र का जप करें।
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