30 साल बाद.... अक्षय तृतीया पर मंगल-रोहिणी, शोभन योग का संयोग, इस दिन सोने की खरीद दिलाएगी समृद्धि

 जयपुर। वैशाख महीने के चलते 3 मई को इस बार

अक्षय तृतीया तीन शुभ योग के बीच मनेगी। वैसे भी यह तृतीया अबूझ मुहूर्त वाली तिथियों में शामिल है, पर इस दिन मंगलवार, रोहिणी नक्षत्र और शोभन योग का 30 साल बाद संयोग बन रहा है, जो शुभ व मंगलकारी होगा। इस दिन किए गए अनुष्ठान से लेकर भूमि-भवन आदि की खरीदारी करना शुभ रहता है। जबकि मान्यता है कि इस दिन स्वर्ण खरीदना विशेष रूप से समृद्धिदायी होता है। पं. अक्षय शास्त्री ने बताया कि अक्षय तृतीया मंगलवार को सुबह 5:18 से अगले दिन बुधवार को सुबह 7:32 बजे तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय से प्रारंभ होकर रात 2:35 तक रहेगा। इस दिन श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान परशुराम का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है। उनके साथ ही भगवान विष्णु की भी इस दिन विशेष पूजा के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है।

दो ग्रह इस दिन उच्च और दो ग्रह स्वराशि में रहेंगे

इस दिन दो ग्रह अपनी उच्च और दो ग्रह स्वराशि में रहेंगे। ज्योतिषी स्मिता पंडित के अनुसार गुरु स्वराशि मीन में, शुक्र भी मीन में रहेंगे जो उनकी उच्च राशि है। सूर्य मेष में और चंद्रमा वृष में रहेंगे। इन दोनों ग्रहों की क्रमश: मेष और वृष राशि उच्च राशि हैं। यह स्थिति इस दिन के शुभ योग में सोने में सुहागा जैसी रहेगी।

दान के लिए खास दिन

इस दिन अन्न व जल का दान करना शुभ माना गया है। खास कर जल से भरा घड़ा अथवा कलश किसी मंदिर या प्याऊ स्थल पर जाकर रखना चाहिए। इस दिन एक जल कलश भगवान विष्णु तो दूसरा जल कलश पितरों के नाम रखने का विधान है। ऐसा करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। इस दिन ग्रह स्थितियां अनुकूल रहने से नवीन प्रतिष्ठान का शुभारंभ, गृह प्रवेश व अन्य मंगलकार्य करना विशेष फलदायी रहता है।

युगादि तिथि - पंडितों के अनुसार अक्षय तृतीया को युगादि तिथि भी कहते हैं। अक्षय का अर्थ है, जिसका क्षय न हो। इस तृतीया का विष्णु धर्मसूत्र, भविष्य पुराण, मत्स्य पुराण और नारद पुराण में उल्लेख है। ब्रह्मा के पुत्र अक्षय का इसी दिन प्राकट्य दिवस रहता है।

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