जयपुर। सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित श्री आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में हो रही भागवत कथा में भगवान विष्णु के विविध अवतारों की कथा के बाद नंदोत्सव मनाया गया। व्यासपीठ से मदन मोहनदास महाराज ने कहा कि ठाकुर जी ने प्रभु के नाम की महिमा को प्रतिष्ठित करने के लिए नृसिंह अवतार लिया तो मर्यादा की रक्षा के लिए राम बनकर धरा धाम पर पधारे। वहीं विविध लीलाओं का रसास्वादन कराने के लिए कृष्ण के रूप में अवतार लिया। भक्तों को सुख प्रदान करने के लिए भगवान धरती पर आते रहते हैं। भगवान श्री कृष्ण के जन्म के मौके पर सरस निकुंज परिसर बधाइयों से गूंजायमान हो उठा। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की..., लाला जन्म सुन आई, मैया यशोदा दे दो बधाई... जैसे बधाइयों पर टॉफी, खिलौने, कपड़ों की जमकर उछाल हुई। कथा के दौरान पुष्टिमार्गीय आचार्य महाप्रभु वल्लभाचार्य की जयंती भी मनाई गई। फूल बंगला और यमुना महारानी के दर्शन कराए गए। कथाचार्य धीरज कृष्ण शास्त्री सहित अनेक संत-महंत भी कथा श्रवण करने पधारे। सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बतायाा कि बुधवार को भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं और गोवर्धन धारण की लीला होगी। इस मौके पर छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी। कथा 29 अप्रेल तक दोपहर एक से शाम पांच बजे तक होगी।
धर्म की रक्षा ही अवतार का प्रयोजन:
गलता गेट स्थित मंदिर श्री गीता गायत्री में पं. राजकुमार चतुर्वेदी के सान्निध्य में हो रही श्रीमद् भागवत कथा में मंगलवार को धूमधाम से नंदोत्सव मनाया गया। व्यासपीठ से आचार्य राजेश्वर कथा श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान के प्रत्येक अवतार का प्रयोजन धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करना है। भगवान राम ने आदर्शों की स्थापना के लिए अवतार लिया तो भगवान कृष्ण अत्याचारों को उसी की भाषा में नष्ट करने के लिए धरती पर आए। मंदिर प्रवक्ता नितीश चतुर्वेदी ने बताया कि कथा 30 अप्रेल तक नित्य प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से होगी
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