बुध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर होगा औषधियुक्त हवन, 2.5 लाख घरों में होगा यज्ञ का महानुष्ठान, वातावरण में माैजूद करीब 94% बैक्टीरिया नष्ट होते है
जयपुर। गायत्री परिवार इस बुद्ध पूर्णिमा को यज्ञ दिवस के रूप में मनाएगा। इसके तहत देश-दुनिया में रहने वाले गायत्री परिजन अपने घरों में गायत्री महायज्ञ करेंगे। इस दौरान जड़ी-बूटियों की आहुतियां डाली जाएगी। गुलाबी नगरी में ही करीब 2.5 लाख घरों में ये महानुष्ठान करवाने की तैयारी है। खास बात यह है कि यज्ञ के बाद उसके प्रभाव को जांचने के लिए गायत्री परिवार सर्वे भी करवाएगा। दरअसल, बुद्ध पूर्णिमा 16 मई को मनाई जाएगी। गायत्री परिवार पूर्व संध्या में गायत्री परिवार ने इसी खास मौके पर पर्यावरण शुद्धि और प्राकृतिक आपदाओं के निवारण के उद्देश्य से गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ उपासना का आयोजन किया है। शनिवार को प्रदेश भर में गायत्री शक्तिपीठ, चेतना केंद्र और प्रज्ञा मंडल के माध्यम से घर-घर में हवन सामग्री और सुगम यज्ञ किट का वितरण किया गया। गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि गायत्री और यज्ञ हमारी संस्कृति के माता-पिता हैं। गायत्री हमें जीवन जीने का सिद्धांत सिखाती हैं और यज्ञ हमें जीवन जीने की कला। यही ज्ञान और कर्म रूपी जीवन रथ के दो पहिए हैं। इन दिनों मानव जाति अनास्था के दौर से गुजर रही है। साधन भरे पड़े हैं पर साधना का अभाव है। यही वजह है कि ज्ञान, धन और शक्ति मिलने के बाद भी व्यक्ति को सुख-शांति और संतुष्टि नहीं मिल रही। स्थायी सुख के लिए हमने गायत्री और यज्ञमय जीवन की आवश्यकता महसूस की और इसी उद्देश्य से शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देश पर यह अनुष्ठान सभी जगहों पर एक वक्त पर संपन्न कराया जाएगा।
वातावरण की शुद्धि करता है यज्ञ: गायत्री परिवार जयपुर जोन के प्रभारी सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि यज्ञ और गायत्री भारतीय संस्कृति के दो आधार हैं। यज्ञ दैवी अनुग्रह प्राप्त करने का माध्यम ही नहीं वरन आज की समस्याओं का समाधान भी है। यज्ञ वातावरण मे फैले प्रदूषण को कम करता है। चारों ओर फैले हुए रेडिएशन के प्रभाव को कम करता है। वातावरण में फैले जीवाणुओं-विषाणुओं को मारता है। अत: मानवता को बचाने के लिए यज्ञ भगवान को घर-घर पहुंचाना है। यज्ञ को सर्व सुलभ बनाने के लिए प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड: प्रदेश में एक ही समय सुबह आठ बजे यज्ञ प्रारंभ होगा। यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड पर होगा। कार्यकर्ता सुगम यज्ञ किट, हवन सामग्री, हवन कुंड सहित अन्य आवश्यक सामान घर-घर पहुंचा रहे हैं। तेज गर्मी होने के कारण घर-घर में यज्ञ पर जोर ताकि एक स्थान पर ज्यादा भीड़ नहीं हो। यज्ञ के किट सभी शक्तिपीठ और चेतना केन्द्रों पर उपलब्ध करवा दिए गए हैं। लोग घर में उपलब्ध सामग्री से भी यज्ञ कर सकते हैं। यज्ञ संबंधी दिशा निर्देश, सामग्री, विधि विधान को विभिन्न व्हाटसप ग्रुप पर शेयर किया जा रहा है। गायत्री परिवार में जो लोग हाल ही में शामिल हुए हैं उन्हें यज्ञ की विधि सिखाने की ऑनलाइन व्यवस्था भी की गई है। मुताबिक प्रशिक्षण के लिए यू ट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अखिल विश्व गायत्री परिवार सर्च कर सकते हैं। भक्तों को उक्त पेज और चैनल पर यज्ञ विधि के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
इससे इम्युनिटी पावर बढ़ने की बात भी सामने आई है इसलिए गायत्री परिवार ने कोरोनाकाल में भी घरों में यज्ञ करवाया था। यह भी माना जाता है कि रोज हवन करने से संक्रामक बीमारियां होने का खतरा कम होता है। हवन के दौरान पढ़ने जाने वाले मंत्रों की ध्वनि से सकारात्मक तरंगें उत्पन्न होती हैं। इससे आसपास मौजूद लोगों के शरीर में पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होता है।
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