पितृ पक्ष 25 सितंबर तक:अगर श्राद्ध नहीं कर पा रहे हैं तो खाने का दान करें, सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर सभी पितरों के लिए एक साथ करें धूप-ध्यान

धर्म प्रवाह डेस्क: जयपुर।
अभी पितृ पक्ष चल रहा है और इन दिनों में घर-परिवार के पितरों के लिए श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण और धूप-ध्यान किया जाता है। ये सभी काम परिवार के मृत सदस्यों की मृत्यु तिथि के आधार पर किए जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति समय की कमी की वजह से या जानकारी के अभाव में श्राद्ध नहीं कर पा रहा है तो क्या करना चाहिए, इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने बात की उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से। जानिए पं. शर्मा के मुताबिक श्राद्ध पक्ष में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए... सवाल - अगर धूप-ध्यान करने की विधि मालूम न हो तो क्या करें? जवाब - धूप-ध्यान के लिए गाय के गोबर से बना कंडा जलाएं और जब उससे धुआं निकलना बंद हो जाए, तब पितरों का ध्यान करते हुए गुड़ और घी अंगारों में डालें। हथेली में जल लेकर अंगूठे की ओर से पितरों को अर्पित करें। ये धूप-ध्यान की सामान्य विधि है। सवाल - घर परिवार के मृत लोगों की मृत्यु तिथि मालूम नहीं है, क्या करें? जवाब - जिन लोगों की मृत्यु तिथि मालूम नहीं है, उन्हें सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर घर-परिवार, कुटुंब के सभी पितरों का ध्यान करते हुए श्राद्ध कर्म करना चाहिए। इस बार ये अमावस्या 25 सितंबर को रहेगी। सवाल - श्राद्ध कर्म के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा रहता है? जवाब - पितरों से जुड़े काम करने के लिए दोपहर का समय सबसे अच्छा रहता है। सुबह और शाम को देवी-देवताओं से जुड़े पूजन कर्म करना चाहिए। सवाल - पितृ पक्ष से जुड़े काम करने का समय नहीं है तो क्या करें? जवाब - पितृ पक्ष से जुड़ी परंपराओं का पालन करना चाहते हैं, लेकिन समय अभाव या किसी अन्य वजह से नहीं कर पा रहे हैं तो अपने इच्छा के अनुसार जितने चाहे उतने लोगों को भोजन का दान करें। जूते-चप्पल, कपड़े, अनाज और धन का दान करें। किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए दान करें। कुत्ते और कौएं के लिए घर के बाहर खाना रखें। सवाल - पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म और दान-पुण्य के अलाव और कौन से शुभ काम कर सकते हैं? जवाब - इन दिनों में गरुड़ पुराण और श्रीमद्भगवद पुराण का पाठ जरूर करें। इन ग्रंथों के पाठ से मन शांत होता है और विचार सकारात्मक बनते हैं।

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