केन्द्रीय जेल में 22 मोबाइल फोन की बरामदगी से हड़कंप, जेल प्रहरी और सहयोगी गिरफ्तार

 


JailPhonesSeized जयपुर। केन्द्रीय कारागार में 22 मोबाइल फोन मिलने के मामले ने रविवार को तहलका मचा दिया। लाल कोठी थाना पुलिस ने जेल प्रहरी संजय कुमार और उसके सहयोगी शाहिद को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, संजय कुमार ने 20 हजार रुपये के सौदे में इन मोबाइल फोन को जेल में पहुंचाया था, जबकि शाहिद ने इन्हें खरीदकर संजय को सौंपा था।

कहानी की पूरी तस्वीर: पुलिस सूत्रों के मुताबिक, संजय कुमार ने गुरुवार रात को जेल में मोबाइल फोन फेंके। शुक्रवार को जेल प्रशासन ने लाल कोठी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि संजय ने ड्यूटी खत्म करने के बाद रात 2:30 बजे जेल के पास तीन पैकेट फेंके। इन पैकेट्स में कुल 22 मोबाइल फोन थे। जेल कर्मियों ने संजय को इस अपराध को अंजाम देते हुए देखा और इसकी सूचना अधिकारियों को दी। हालांकि, संजय मौके से फरार हो गया था, और जेल प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई: लाल कोठी थाना अधिकारी श्रीनिवास जांगिड़ ने पुष्टि की कि जेल प्रशासन ने तुरंत ही मोबाइल फोन को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद शुक्रवार शाम को संजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। रविवार को पुलिस ने शाहिद को गिरफ्तार किया, जिसने मोबाइल फोन संजय को दिए थे। दोनों आरोपियों की पूछताछ जारी है और पुलिस अन्य संभावित संदिग्धों की तलाश में जुटी है।

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जेल की सुरक्षा पर सवाल: मुख्यमंत्री को जेल के अंदर से दो बार धमकी मिलने के बाद जेल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया था। इसके बावजूद, 22 मोबाइल फोन की बरामदगी ने जेल की सुरक्षा में गंभीर चूक का संकेत दिया है। जेल प्रशासन और पुलिस ने इस सुरक्षा चूक को लेकर तुरंत प्रतिक्रिया दी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए नए सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की योजना बनाई है।

नए सुरक्षा उपायों की दिशा: सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जेल में नई तकनीकी और प्रबंधन सुधारों की शुरुआत की जाएगी। पुलिस और जेल प्रशासन की टीमें इस मामले में पूरी गंभीरता के साथ जांच कर रही हैं और आरोपियों के साथ जुड़े अन्य लोगों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत हैं।

निष्कर्ष: यह मामला जेल की सुरक्षा प्रणाली में एक बड़ी चूक को उजागर करता है और इसे सुधारने के लिए तुरंत और प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस और जेल प्रशासन की टीमों द्वारा किए जा रहे प्रयास से यह उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सकेगा।

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