JKK Drama: रामलीला के मंच पर छाया संकट: अशोक राही की बार-बार नियुक्ति के पीछे का रहस्यमय सच क्या है?"

 Ramleela Controversy: जयपुर के जवाहर कला केन्द्र (जेकेके) द्वारा आयोजित रामलीला इस बार भी विवादों के घेरे में है। अशोक राही को लगातार तीसरी बार रामलीला का निर्देशन सौंपा गया है, जबकि कला जगत में इस पर असंतोष जताया जा रहा है। रामलीला का मंचन 8 से 12 अक्टूबर तक होगा, और 16-17 सितंबर को आयोजित ऑडिशन के बाद अब तक राम और रावण के किरदारों का चयन नहीं हो पाया है।

"अशोक राही की लगातार नियुक्ति: क्या जेकेके की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा हो रहा है?"

Ramleela2024: जेकेके ने अशोक राही को फिर से रामलीला का निदेशक नियुक्त किया है, जबकि 2022 और 2023 में भी राही ने ही निर्देशन किया था। इससे कला जगत में गहरी नाराजगी है, क्योंकि एक ही व्यक्ति द्वारा बार-बार निर्देशन से कला की विविधता और गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। कलाकारों का आरोप है कि इससे न केवल उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं होता, बल्कि एक ही स्क्रिप्ट और डायलॉग्स से ताजगी का अभाव भी रहता है।

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"कम समय में तैयारी की चुनौती: क्या 15-18 दिन में पूरा होगा रामलीला का काम?"

AshokRahi  ने बताया कि उन्होंने मई में आवेदन किया था और 6 सितंबर को जेकेके ने रामलीला के लिए सहमति दी। हालांकि, 15 से 18 दिन की तैयारी के लिए समय की कमी के चलते कलाकारों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। राही का कहना है कि वे अपनी अनुभव का लाभ उठाते हुए और अनुभवी साथियों की मदद से कलाकारों की तैयारी को पूरा करेंगे।

"कला जगत में आक्रोश: समय की कमी और तैयारी की दिक्कतें"

भारत रत्न भार्गव, सीनियर आर्टिस्ट, ने 15 से 20 दिन में रामलीला के मंचन के लिए तैयार होना अत्यंत कठिन बताया। उनका मानना है कि 3 से 4 महीने का समय होना चाहिए ताकि कलाकार पूरी तरह से किरदार, संगीत, नृत्य, और भाव को समझ सकें। इस समय की कमी से कला की गुणवत्ता और परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है, जो कला प्रेमियों के लिए चिंता का विषय है।

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