Sdm Order :तालाब की जमीन का रहस्यमय बदलाव: SDM के आदेश में छुपा है बड़ा राज़?"

 RevenueDepartment: जयपुर के हरमाड़ा क्षेत्र के दौलतपुरा में तालाब की जमीन को गैर मुमकिन रास्ते के नाम पर दर्ज करने का मामला अब सुर्खियों में है। यह विवाद उस समय उठा जब तत्कालीन SDM  ने तालाब के कैचमेंट एरिया की ज़मीन को बिना किसी स्पष्ट कारण के गैर मुमकिन रास्ते के रूप में दर्ज कर दिया। जब इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ, तो सरकार ने इस आदेश को पूरी तरह गलत मानते हुए मामले की जांच शुरू की।

Administrative Mistake


"सरकार की कार्रवाई: तालाब की ज़मीन की किस्म बदलना नियमों के खिलाफ"

JaipurLakeDispute: राजस्व विभाग ने हाल ही में जिला कलक्टर को आदेश जारी किया कि तालाब की ज़मीन की किस्म बदलना पूरी तरह नियम विरुद्ध है। कलक्टर को निर्देशित किया गया है कि इस बदलाव को कानूनी प्रक्रिया के तहत दुरुस्त किया जाए। यह आदेश सरकार की गंभीरता को दर्शाता है और दिखाता है कि प्रशासन इस मुद्दे को हल करने के लिए तत्पर है।

"ग्रामीणों की विरोध और जेडीए की विवादास्पद कार्रवाई"

गत वर्ष जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने तालाब की पाल को तोड़कर उस पर रास्ते का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। ग्रामीणों ने इस निर्माण कार्य का विरोध किया और तत्काल प्रभाव से कार्य को रुकवाने में सफल रहे। जेडीए अधिकारियों का कहना था कि तालाब की पाल को रिकॉर्ड में रास्ता दर्शाने के लिए बदल दिया गया था। इस दौरान, जेसीबी से तालाब की पाल को एक ही दिन में तोड़ दिया गया, जबकि ग्राम पंचायत ने इस पाल के निर्माण के लिए मनरेगा के तहत लाखों रुपए खर्च किए थे। यह कार्रवाई ग्रामीणों के लिए एक बड़ा झटका थी और विवाद को और बढ़ा दिया।

"सरकारी आदेश: खसरा नंबर 1100 की जमीन को दुरुस्त करने का निर्देश"

विवाद बढ़ने के बाद, सरकार ने इस मुद्दे की पूरी जानकारी प्राप्त की और जिला कलक्टर से मामले की वस्तुस्थिति मांगी। अब, सरकार ने खसरा नंबर 1100 की ज़मीन को गैर मुमकिन तलाई के रूप में सही करने का आदेश जारी किया है। इसके तहत, जमीन की किस्म में किए गए बदलाव को कानूनी प्रक्रिया से दुरुस्त किया जाएगा। यह आदेश यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियाँ न हों और कानूनी प्रावधानों का पालन किया जाए।

"मामले में संभावित नए खुलासे: क्या छिपे हैं और भी राज़?"

जांच के दौरान यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद में और कौन-कौन से पहलू सामने आते हैं। क्या यह मामला केवल एक प्रशासनिक गलती था, या इसके पीछे कोई और गहरा राज़ छिपा है? सरकार की कार्रवाई और जांच से जुड़े नए खुलासे आने की संभावना है, जो इस विवाद की पूरी तस्वीर को स्पष्ट कर सकते हैं।

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